बदायूँ । राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के क्रम में आखिरी दिन मंगलवार को नगर पुलिस अधीक्षक के आदेश पर पुलिस लाइन के सभागार में एक कुष्ठ गोष्ठी का आयोजन हुआ । मुख्य वक्ता जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ सुधीर कुमार गुप्ता ने कुष्ठ के विषय में विस्तार से जानकारी देकर उपस्थित पुलिस अधिकारियों एवं महिला पुलिसकर्मियों को कुष्ठ के बारे में जागरूक किया। शरीर पर सुन्न दाग धब्बे , उनमें खुजली ना होना , पसीना ना आना , दाग धब्बों पर बाल गिर जाना या कम हो जाना , भौंहों का गिरना , नाक बैठ जाना , कानों पर गाठे ,शरीर पर गाठे , तैलीय चेहरा हो जाना , यदि कोई जख्म हो जाए तो उसमें दर्द न होना एवं जख्म जल्दी ना भरना , चलते चलते चप्पल का निकल जाना और रोगी को पता न चलना आदि लक्षण एवं पहचान चिन्ह बताते हुए कहा कि कुष्ठ रोग केवल दाग धब्बों का ही रोग नहीं है। यह
तंत्रिकाओं का भी रोग है। जिसके कारण कारण रोगी को विकलांगता हो जाती है । यदि समय पर रोगी का इलाज हो जाए तो वह विकलांगता से बच जाता है । यही राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन का उद्देश्य कि कुष्ठ से कोई भी व्यक्ति विकलांग ना हो और ना ही किसी बच्चे को कुष्ठ रोग हो जिलाधिकारी का संदेश पढ़ते हुए सभी पुलिस कर्मियों को शपथ दिलाई कि कुष्ठ रोगियों के प्रति “भेदभाव का अंत करें, सम्मान को गले लगाने ” की प्रतिज्ञा लेते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना है कि वर्ष 2027 तक भारत कुष्ठ मुक्त हो जाए इसके लिए डॉ सुधीर कुमार गुप्ता ने उपस्थित सभी से सहयोग की अपील की । कुष्ठ विभाग के डॉ सुधीर कुमार गुप्ता , एनएमए मानवीर सिंह एवं पीएमडब्ल्यू मनोज कुमार ने प्रतिभाग किया।