सम्भल। उत्तर प्रदेश शासन महिला कल्याण विभाग अनुभाग-1 के शासनादेश के क्रम में जिलाधिकारी महोदय के निर्देशों के अन्तर्गत ब्लाॅक बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक का आयोजन विकास खण्ड असमोली में किया गया, जिसमें संरक्षण अधिकारी द्वारा बाल संरक्षण एवं सशक्त संरक्षणात्मक परिवेश पालन-पोषण, परिवार की देख-रेख पाने व प्रतिष्ठा के साथ रहने, हिंसा व दुव्र्यवहार से बचने और संरक्षण पाने के उद्देश्य से मिशन वात्सल्य योजना के अन्तर्गत प्रर्वतकर्ता कार्यक्रम (स्पाॅन्सरसिप), फाॅस्टर केयर, दत्तक ग्रहण एवं बाल श्रम से संबंधित एवं विभागीय अन्य योजनाओं पर बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों के साथ चर्चा की गयी।


कार्यक्रम/कार्यशाला का सबसे महत्वूपर्ण पहलू में बताया गया कि बाल संरक्षण एवं सशक्त संरक्षणात्मक परिवेश पालन-पोषण करने, परिवार की देख-रेख व प्रतिष्ठा के साथ रहने, हिंसा व दुव्र्यवहार से बचने और संरक्षण पाने के उद्देश्य से एवं बाल विवाह, नशामुक्ति, यौन शोषण रोकथाम व भट्टों पर कार्य कर रहे बच्चों को बाल श्रम से मुक्त हेतु प्रचार-प्रसार किया जाये जिससे बाल अधिकारों का हनन न हो।
बैठक की अध्यक्षता सुषमा चैधरी, ब्लाॅक प्रमुख के द्वारा की गयी, जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि भट्टों पर कार्य कर रहे बच्चों को बाल श्रम से मुक्त हेत विशेष रूप रणनीति तैयार कर उनको बाल श्रम से मुक्त कराया जा सकता है। बैठक में सुनील कुमार सिंह सहायक विकास अधिकारी(पं0), रचना यादव बाल विकास परियोजना अधिकारी, मनीष शर्मा खण्ड शिक्षा अधिकारी, कुलदीप सिंह सहायक विकास अधिकारी(आइएसबी), सुभाष और बृजेन्द्र सिंह उपनिरीक्षक थाना असमोली, तेजपाल सिंह संरक्षण अधिकारी, खेमपाल सिंह सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट