राजकीय मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सुविधा के नाम पर बड़ा धोखा

बदायूँ । भारतीय किसान यूनियन टिकैत के मंडल प्रवक्ता राजेश कुमार सक्सेना ने कैंप कार्यालय चित्रांश नगर पर बैठक कर जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं पर भारी रोष व्यक्त किया है।
जिले में डेंगू बुखार से सैकड़ों की संख्या में लोगों की मौतें हो चुकी है स्वास्थ्य विभाग यह मानने को तैयार नहीं है जबकि किसान नेताओं ने डेंगू बुखार से होने वाली मौतों के लिए सीएमओ को जिम्मेदार ठहराया है स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और बिना मानक निजी अस्पतालों के संचालन को लेकर सीएमओ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है उन्होंने कहा इसकी जांच एसआईटी से कराई जाएं।
जिले के पूरे स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर फैला हुआ है। फर्जी डिग्री के आधार पर चिकित्सकों को अस्पताल चलाने का रजिस्ट्रेशन दिया जाता है। जिसकी वजह से निजी अस्पतालों में आए दिन लोगों की मौतों का सिलसिला बदसूरत जारी है उन्होंने कहा कि जितने भी पक्ष,विपक्ष राजनीतिक दल हैं वह सिर्फ वोटों की सियासत करते हैं जनता के सुख दुःख से उनका कोई लेना देना नहीं है।
जिले में डेंगू बुखार से 150 से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी है मगर स्वास्थ्य विभाग इसकी पुष्टि नही करता है “आखिर जिम्मेदार कौन” मंडल प्रवक्ता राजेश कुमार सक्सेना ने कहा कि डीएम को एक जनवरी के लिए शपथ पत्र दिया था रामपाल मौर्य गांव मानवा द्वारा सैदपुर सीएचसी के कर्मचारी की रिश्वत लेने की शिकायत की गई थी। डीएम ने कार्रवाई के लिए सीएमओ को पत्र लिखा तत्काल कार्रवाई जाएं मगर भ्रष्टाचार में लिप्त डॉक्टर, कर्मचारी पर सीएमओ ने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि आर्थिक समझौता कर इतश्री कर दी गई। उन्होंने सीएमओ को सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी बताया है किसान नेताओं ने कहा कि अब हम चुप होकर नहीं बैठेंगे। एक जन आंदोलन करेंगे किसान यूनियन में इस बात को लेकर भारी गुस्सा है।

जनपद में सरकारी चिकित्सा सेवाओं का बुरा हाल

शहरी जनता मौजूदा चिकित्सा सेवाओं से किसी तरह काम चला रही है। शहरों में प्राइवेट अस्पताल भी काफी होते हैं, इसलिए ज्यादा परेशानी नहीं होती। असली दिक्कत तो ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के सामने है गांवों में शहरों की तुलना में सरकारी चिकित्सा सेवाओं का कहीं बुरा हाल है। पचास फीसदी गांवों में स्वास्थ्य केंद्र ही नहीं हैं। जिन गांवों में हेल्थ सब सेंटर खुले हुए हैं, वहां सुविधाएं नहीं हैं। न तो स्टाफ है और न ही दवाइयां हैं। इस स्थिति में ग्रामीण जनता जाए तो जाए कहां। प्राथमिक चिकित्सा के लिए सिर्फ झोलाछापों का सहारा है। गांवों की ज्यादातर आबादी झोलाछापों पर निर्भर होकर रह गई है।

मंडल प्रवक्ता राजेश सक्सेना ने सुनाई आप बीती

उन्होंने ने बताया कि विगत एक वर्ष से यह खेल चल रहा है 14 अक्टूबर की रात को अपने कार्यकर्ता उदयवीर के भाई ज्ञान सिंह को रात्रि के 12:00 बजे राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने खुद गए तो जीवन दायक ऑक्सीजन लगाने का मास्क वहां मौजूद नही था मरीज की ऑक्सीजन निरंतर घटती जा रही थी उसे जिला अस्पताल से गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज वेंटीलेटर के लिए रेफर किया गया था।राजेश कुमार सक्सेना मेडिकल कॉलेज की लचर व्यवस्था पर खफा होकर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से कहा जीवन दायक तुमारे उपकरण नही है तो गंभीर मरीज का इलाज कैसे करते हो डाक्टर ने अपनी कमी को स्वीकार किया। उसके बाद मंडल प्रवक्ता राजेश कुमार सक्सेना ने खुद ऑक्सीजन मास्क बाजार में खरीद कर लाए तब मरीज के लगाया गया।

प्रतिनिधि मंडल मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य सुविधा को परखेगा

सोमवार के लिए मेडिकल कॉलेज में भारतीय किसान यूनियन का प्रतिनिधि मंडल स्वास्थ्य विभाग की खामियां देखेगा मेडिकल कॉलेज की कमियों को लेकर प्रधानाचार्य से वार्ता करेगा उन्होंने 4 अक्टूबर के लिए धरना प्रदर्शन करके कर्मियों को दूर करने के लिए प्रधानाचार्य से कहा था लेकिन अभी तक राजकीय मेडिकल कॉलेज में कोई भी अमल नहीं हुआ है मंडल उपाध्यक्ष चौधरी सौदान सिंह के नेतृत्व में सुबह 11:00 बजे राजकीय मेडिकल कॉलेज का भ्रमण करके सारी अव्यवस्थाओं के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी। इस मुद्दे को लेकर लखनऊ में आंदोलन करेंगे।