उझानी l अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में चल रहे प्रखर बाल संस्कारशाला की बालिकाएं नवरात्र के छठे दिन मां दुर्गा के विभिन्न रूपों में सजीं। शिक्षकों और अभिभावकों ने भव्य आरती की। बालिकाओं को ‘‘झांसी की रानी लक्ष्मीबाई‘‘ सम्मान से विभूषित किया गया।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि व्रत श्रेष्ठ संकल्प और उपवास ईश्वरीय चेतना का सान्निध्य है। नवरात्र में मंत्र जप कर ईश्वरीय उपस्थिति को बनाएं रखें। श्रेष्ठ चिंतन और सद्भावों की पात्रता को विकसित करें। दैवी विभूतियों के समक्ष सुपात्रों की श्रेणी अर्जित करें। मां दुर्गा धर्म की स्थापना, देवत्व की रक्षा, असुरों का संहार करने और विश्वकल्याण के लिए शक्ति रूप में प्रकट हुईं। यज्ञ की पूर्णाहुति में ‘‘इदम न मम‘‘ का भाव रखें।
निर्मल गंगा जन अभियान के सुखपाल शर्मा ने कहा कि शक्तिस्वरूपा की कृपा उन्हीं को प्राप्त होती है। जो साधना के सुरों का सुंदर और समुचित समंवय अपनी अंतरात्मा से कर पाते हैं।
नवरात्र के छठे दिन संस्कारशाला की देवकन्याएं मां दुर्गा की शक्ति मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्माण्डा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री के रूप में सजीं। शिक्षकों, अभिभावकों संरक्षकों और गणमान्य नागरिकों ने शक्तिस्वरूपाओं के चरणकमलों को पावन किया। भव्य आरती, पुष्प वर्षा के बाद गंगा जल का अभिसिंचन किया।
संस्कारशाला की ओर से गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने देवकन्या भूमि शर्मा, रौनक चैहान, कनक चैहान, खुशबू शर्मा, आयुषी सिंह, नेहा शर्मा, दीप्ति शर्मा, कल्पना शर्मा और राधा को ‘‘झांसी की रानी लक्ष्मीबाई‘‘ सम्मान से विभूषित किया गया।
इस मौके पर सोनाली माहेश्वरी, पिंकी शर्मा, विनय कुमारी, रिंकी शर्मा, रेशम शर्मा, रीना शर्मा, मंजला, आरती शर्मा आदि मातृशक्तियों का सहयोग रहा। संचालन मृत्युंजय शर्मा ने किया।