सम्भल। भारत की वैभवशाली विरासत इतिहास संस्कृति और परंपराओं को उसके मूल रूप में जीवित रखना न केवल भारत के लिए अपितु संपूर्ण विश्व के लिए हितकारी होगा। पुरातन काल से वर्तमान समय तक विश्व पटल पर भारत का इतिहास आध्यात्मिक विरासत और संस्कृति देश और दुनिया के लिए सदैव ही मार्गदर्शक रही है प्रतिरोध कालखंड इतिहास के बाद विश्व पटल पर भारत पुन अपनी आध्यात्मिक विरासत और संस्कृति के बल पर अपना प्रभाव में वृद्धि कर रहा है। g20 देशों के अध्यक्ष के रूप में भारत अपना विश्वव्यापी प्रभाव पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादाई है। हम सभी को इसी दिशा में अपना सर्वोच्च प्रयास कर मां भारती को परम वैभव की ओर अग्रसर करना है। उक्त उद्गार भारतीय इतिहास संकलन समिति मेरठ प्रांत के संभल स्थित विक्रम पैलेस में सानिध्य में आयोजित प्रांतीय विद्वत सम्मेलन के दौरान खचाखच भरे हॉल में प्रसिद्ध इतिहासकार एवं पुरातत्वविद , अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर विघ्नेश कुमार ने विद्वत सम्मेलन के मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किये । उन्होंने संभल के प्राचीन तीर्थ नगरी एवं आध्यात्मिक की दृष्टि से संभल के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर त्यागी ने शिक्षा मंत्री की उपस्थिति में शिक्षा मंत्री से माध्यमिक शिक्षा की पाठ्यक्रमों में हरियाणा सरकार की भांति राष्ट्रीय चेतना एवं भारतीय दृष्टि पर आधारित इतिहास की पाठ्यक्रम की पाठ्य पुस्तकों को शामिल करने का अनुरोध किया जिसे शिक्षा मंत्री श्रीमती गुलाबो देवी ने उन्हें इस विषय में सकारात्मक रूप से आगे कार्य करने हेतु लखनऊ अपने कार्यालय में आमंत्रित किया।सम्मेलन की मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार की शिक्षा मंत्री गुलाबो देवी ने इतिहास के पुनर संकलन की अत्यंत आवश्यकता बताई। श्रीमती गुलाबो देवी ने जनसामान्य में अपने इतिहास के प्रति जिज्ञासा और जागरूकता के लिए भारतीय इतिहास संकलन समिति की भूरी भूरी प्रशंसा की और भावी पीढ़ी के लिए इसे सराहनीय कदम बताया। प्रांतीय विद्वत सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय इतिहास संकलन समिति के प्रांतीय संगठन सचिव डॉ कुलदीप कुमार त्यागी सम्मेलन की विषय स्थापना करते हुए भारतीय इतिहास संकलन समिति के संबंध में विस्तृत जानकारी पर प्रकाश डाला। प्रांत संगठन मंत्री डॉ कुलदीप कुमार त्यागी ने कहा कि प्राचीन गौरवशाली इतिहास के स्थान पर हमें साजिश के तहत इतिहास के वास्तविक तथ्यों को धीरे-धीरे हटाकर भ्रामक और गुलामी का इतिहास पढ़ाया और बताया गया जाता रहा और पीढ़ी दर पीढ़ी हम इसे किसी रूप में स्वीकारते गए जिसके फलस्वरूप वर्तमान पीढ़ी अपने भारत के वास्तविक इतिहास से अंध भक्त और अछूती रह गई। इसी प्रकार की अनेकानेक दोषों को दूर करने की दिशा में भारत के प्रतिरोध कालखंड के इतिहास को उजागर करने उनसे प्रेरणा लेने राष्ट्र निर्माण करने की दिशा मैं भारतीय इतिहास संकलन समिति अनवरत रूप से कार्य कर रही है। डॉ कुलदीप कुमार त्यागी ने अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ बालमुकुंद पांडे जी के अचानक अस्वस्थता के कारण उपस्थित ना हो पाने की सूचना देते हुए सभी से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। सम्मेलन की विशिष्ट अतिथि संभल की जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ अनामिका यादव ने देश और समाज के लिए भावी पीढ़ी के लिए वास्तविक इतिहास की जानकारी होना आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि इतिहास एक संवेदनशील विषय है अतः इसको वास्तविक रूप में लिया जाना चाहिए इससे षड्यंत्र करके इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है। इससे पूर्व सम्मेलन को सानिध्य प्रदान कर रहे केला धाम के महंत श्री ऋषि राज गिरी जी द्वारा राष्ट्र निर्माण के लिए किए जा रहे इन प्रयासों के लिए इससे जुड़े सभी लोगों को आशीर्वचन दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रांत अध्यक्ष एवं के पी जी कॉलेज कासगंज के प्राचार्य प्रोफेसर अशोक रस्तोगी ने की उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में इतिहास के विभिन्न आयामों की चर्चा करते हुए इतिहास संकलन के द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी और सभी को इससे जुड़ने का आह्वान किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री गुलाबो देवी मुख्य वक्ता विघ्नेश कुमार प्रांत अध्यक्ष प्रोफ़ेसर अशोक रुस्तगी प्रांत संगठन मंत्री डॉ कुलदीप कुमार त्यागी जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ अनामिका यादव महंत ऋषिराज गिरी जी ने संयुक्त रूप से भारत माता के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। जिला केमिस्ट एसोसिएशन संभल, हिंदू जागृति मंच, विश्व हिंदू परिषद अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद भारतीय हरिहर सेना भाजपा आदि संगठनों ने अतिथियों का स्वागत शॉल उड़ाकर माला पहना कर और श्रीफल भेंट कर किया। इस अवसर पर मुरादाबाद हापुड मेरठ गाजियाबाद रामपुर अमरोहा जनपद से पधारे अनेक गणमान्य लोगों सहित 340 व्यक्तियों ने भाग लिया।
सम्भल से खलील मलिक की रिपोर्ट