सोनौली महराजगंज । नेपाल सीमा से 80 भारतीय नागरिक लौट गए। क्योंकि कोरोना के कारण नेपाल सीमा आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। लिहाजा अपनों के बिना होली बेरंग हो गई और होली के त्योहार पर रिश्तेदारों से मिलने की हसरत अधूरी रह गई।
भारत नेपाल के संबंध सदियों पुराने रहे। रिश्तेदारी, खानपान, संस्कृति, संबंधों का ऐसा ताना बाना है जिसमें दोनों देशों के नागरिक अपने उत्सव को भी मिलजुल कर मानते हैं। पिछले वर्ष होली 9 मार्च को थी। जिस कारण दोनों देशों के नागरिकों को होली आपस में खेलने में कहीं कोई दिक्कत नहीं हुई न ही सीमा पर कोई रुकावट थी। इस वर्ष कोरोना का असर बढ़ने के कारण सीमा सील कर दी गई। यह दोनों देशों के इतिहास में पहली बार है, जब होली पर्व एक दूसरे के बगैर मनाया जाएगा। सीमा पर रोजाना अपनों के पास जाने की आस में सैकड़ों लोग आ रहे हैं, पर निराश लौट रहे हैं।
नेपाली प्रशासन रविवार सोनौली सीमा पर पहुंचे 80 भारतीय लोगों को वापस लौटा दिया
राजस्थान के विनीत मित्तल की शादी नेपाल काठमांडू में हुई है। अपनी पत्नी के साथ वह अपने ससुराल जाने के लिए सोनौली सीमा पर पहुंचे थे लेकिन उन्हें वापस जाना पड़ा। उनकी पत्नी वैशाली ने बताया कि शादी के बाद पहली होली मां के यहां खेलनी थी पर सीमा से लौट रही हैं।
कोल्हुई के जगदीश यादव की बहुत रिश्तेदारी नेपाल में है, घर के बने अचार, पापड़, मिठाई, गिफ्ट लेकर होली की शुभकामना के लिए नेपाल जाना था। उन्होंने कहा कि बहुत निराशा हुई। आरती थापा, मनोज शेरपा, मंजू जायसवाल बहुत से नेपाली नागरिक सीमा से पुन: नेपाल लौट गए। सबकी अपनो संग होली खेलने और मिलने की आस टूट गई।
कारोबारियों को बहुत नुकसान हुआ
होली पर सोनौली में रंग, पिचकारी की करीब 50 दुकानें लगती हैं। ऐन वक्त पर भारत नेपाल सीमा पर आवाजाही बंद होने से उनका सारा सामान डंप हो गया। रंग कारोबारी कल्लू प्रजापति ने बताया कि सीमा एक वर्ष से बंद है। वैसे भी टूट चुके थे, कर्ज लेकर इस बार रंग लाए पर सब सामान खोलने की नौबत नहीं आई।
सोनौली के सबसे ज्यादा खरीदार नेपाली नागरिक ही होते हैं। मिठाई विक्रेता सुरेश मोदनवाल ने बताया कि होली के कारण बनारस, कानपुर में एडवांस रकम भेजकर खोया का ऑर्डर दिया था। इसके अलावा घी, ड्राई फ्रूट भी खरीद लिया। भारत नेपाल सीमा से आवाजाही बंद से अब हजारों का नुकसान हो गया। किराना विक्रेता मोहन शेरवानी ने कहा कि नेपाली नागरिकों के भरोसे सीमावर्ती दुकानदारों का 95 प्रतिशत कारोबार है। पैदल एक महीने से लोग आ रहे थे। इससे दुकानदारी कुछ अच्छी हो रही थी। लेकिन अब फिर से परेशानी बढ़ गई है।
नौतनवां तहसील प्रभारी दीपक बनिया