भूकियू 25 अप्रैल से डीएम कार्यालय पर करेंगी हल्लाबोल

मुख्यमंत्री के जनता दरबार में गूंजेगा गरीब किसानों का मुद्दा

बदायूं।बिसौली तहसील के गांव बगरैन तालाब 36 गरीब किसानों के हक पर तहसील प्रशासन के सहयोग से भूमाफिया 96 बीघा निजी तालाब पर डाका डाल रहे हैं।खुलेआम तहसील प्रशासन मिलीभगत से करोड़ों रुपए की मछली पालन करा रहा है। 154 बीघा शासकीय तालाब ग्राम सभा के पर नियम विरुद्ध पट्टा निरस्त करने के लिए जिला प्रशासन लंबित किए हुए हैं। 25 अप्रैल से निजी तालाब वाले फिर से जिलाधिकारी कार्यालय पर धरने पर बैठेंगे। जिला प्रशासन झूठे आश्वासन तथा कोई कार्रवाई न करने से परेशान किसानों ने अपनी लंबी रणनीति बनाई है बदायूं में 25 अप्रैल से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे और गोरखपुर मुख्यमंत्री बाबा आदित्यनाथ योगी के जनता दरबार में बिसौली तहसील का पूरा भ्रष्टाचार का पुलंदा लेकर पेश होंगे। उन्होंने कहा अब हम बहकावे में नहीं आएंगे पिछले एक साल से जिला प्रशासन सिर्फ झूठा आश्वासन दे रहा है।कोई कार्रवाई नहीं करता 36 गरीब किसानों ने अपने 96 बीघा तालाब 1588 गा को मुक्त कराने के लिए 97 दिन तक धरना प्रदर्शन किया था।भूख हड़ताल के बाद कई बार प्रशासन ने सिर्फ झूठ आश्वासन दिया था। भूमाफियाओं पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई है यह बड़ा सवाल है जब योगी बाबा के सरकारी तालाब पर ही कब्जा है।और जिलाधिकारी की अदालत में है उसे एक साल से लंबित करके दोनों तालाबों में मछली पालन कैसे हो रहा है।न्याय मिलने तक मछली पालन अवैध है।जब सरकारी एक गलत पट्टे का लगान जमा कराया जा रहा है। और सही पट्टे की तरह उपयोग किया जा रहा है। सरकार क्या फरमान है। माफिया कहीं नहीं रहने दिए जाएंगे और माफिया के द्वारा सरकारी तालाब पर कब्जा किया गया है। जिला अधिकारी इस पट्टे को निरस्त क्यों नहीं कर रहे हैं।यह उनकी अदालत का मामला है परंतु निजी तालाब में मछली पालन कैसे हो रहा है। यह जिला प्रशासन के लिए शर्मनाक बात है ।कृषक राम बाबू कश्यप ने कहा मेरा निजी तालाब जिसमे मेरा हिस्सा है।यह लड़ाई अब आर-पार के साथ लड़ लूंगा कई योजनाएं जो आंदोलन के तहत तय की गई है। कुछ गोपनीय रखी जाएंगी बिसौली तहसील में हजारों बीघा तालाब एसडीएम ज्योति शर्मा द्वारा भूमाफियाओं के हवाले किए गए हैं। नियम विरुद्ध सिंगथरा तालाब की जांच एडीएम प्रशासन के यहां पड़ी हुई है बिसौली तहसीलों में कहीं सफेदपोश पर्दे के पीछे रहकर यह खेल तो नहीं रहे।क्योंकि बड़े अधिकारी भी भ्रष्टाचार में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं एक वर्ष से ज्यादा गरीब किसान अपने तालाब को मुक्त कराने के लिए संघर्ष करते रहे है। परंतु बे दर्द हाकिम नहीं सुन रहा है। अब सूबे के मुख्यमंत्री दरबार में जाकर गुहार करेंगे भू माफियाओं से सरकारी तालाब व निजी तालाब मुक्त करा कर ही दम लेंगे।