बदायूं।सरकार के निर्देशों पर 20 फरवरी से शुरू हुए सक्रिय क्षय रोगी खोज एसीएफ अभियान का पहला चरण पूरा होने के बाद शुक्रवार को घर-घर जाकर स्क्रीनिगं करने का कायर्क्रम शुरू हो गया है। इस अवसर पर सीएमओ डाॅ प्रदीप वार्ष्णेय ने शहरी क्षेत्रों में हो रहे एसीएफ का स्वयं निरक्षण किया और एएनएम,आंगनबाडी, आशा कायर्कतार्ओं को संदेश दिया कि पूरी लगन और मेहनत के साथ अभियान में काम करें। गृह भ्रमण के दौरान घर के मुखिया से जरूर बात करें। टीबी के लक्षणों की जानकारी दें और मिलते.जुलते लक्षण पाए जाने पर जाॅच क लिए ;बलगम का नमूना लें। इसके साथ ही टीबी उन्मूलन कायर्क्रम की भी पूरी जानकारी दें। उन्होने बताया कि एसीएफ के लिए कुल 385 टीमें बनाई गई है।जिसमें 78 सुपरवाइजरों की देख.रेख में काम करेंगी। हर टीम में एक आशाए एक आंगनबाडी और एक वालंटियर शामिल किया गया है। डीटीओ डाॅ विनेश कुमार ने बताया कि इस बार एसीएफ शहरी क्षेत्रों,ग्रामीण क्षेत्रों व मलिन बस्तियों पर फोकस रहेगा। शासन से 20 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिगं के आदेश है। शुक्रवार से शुरू हुआ एसीएफ 10 दिनों तक चलेगा और इस दौरान करीब तीन लाख आबादी की स्क्रीनिगं की जायेगी। लक्षण युक्त सभी लोगों के बलगम के नमूने लिए जायेगें। जाॅच में टीबी की पुष्टि हाने पर तत्काल नोटिफिकेशन करते हुए उपचार शुरू कराया जायेगा। उन्होनें नागरिकों से अपील की कि स्क्रीनिगं में एसीएफ टीम का सहयोग करें। जिला पीपीएम समन्वयक संदीप राजपूत ने बताया कि 20 से 23 फरवरी तक अभियान के पहले चरण में जेल,मदरसें,नवोदय,विद्यालयों,वृद्धाश्रम,अनाथलयों आदि में चलाया गया। सभी स्थानों से कुल मिलाकर बलगम के 72 नमूने लिए गए। जिसमें चार टीबी रोगी मिलें है जिनका उपचार शुरु कर दिया गया है।