बदायूं। रुहेलखंड के मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में श्रद्धालुओं का मेले में पहुंचना शुरू हो गया है। श्रद्धालु मां गंगा के जयघोष के साथ अपने निजी वाहनों ट्रैक्टर ट्राली, कारों, टेंपो और बैल गाड़ियों से मेले के लिए रवाना हो रहे हैं। मेले के नजदीकी क्षेत्रों में सड़कों के नारे ग्रामीणों ने मिष्ठानों की दुकानें लगा रखीं हैं। मेले में मुख्य द्वार पर और मेले के चारों ओर मुख्य मार्गों पर लाइटिंग कर दी गई है। शाम के समय रंग-बिरंगे बल्बों ट्यूब लाइटों से मेला प्रांगण जगमगा उठा है। मुख्य घाट पर गंगा की गहराई बहुत ज्यादा है श्रद्धालुओं द्वारा अभी मुख्य घाट पर स्नान नहीं किया जा रहा है। मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मेले के सामने आने वाली गंगा की जलधारा के किनारे बल्लियों की बाउंड्री कर रखी है। खतरे के बोर्ड लगा रखे हैं। जिससे आने वाले श्रद्धालु गंगा में स्नान करने से पहले सावधानी बरतें। पीएसी के जवान श्रद्धालुओं को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं। श्रद्धालुओं के उत्तम स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए सरकारी अस्पताल तैयार हो गया है। डॉक्टरों और कंपाउंडरों को तैनात कर गया है। एंबुलेंस मेले में पहुंच गई हैं, टैंटों में मरीजों के लिए बेड डाल दिए गए हैं। पुलिस प्रशासन द्वारा मुख्य चौराहों, मुख्य मार्गों पर तैनाती की गई है। गंगा किनारे उठाईगीरों और मनचलों पर पैनी नजर रखी जाएगी। कोतवाली परिसर में मजनू पिजड़ा भी रखा गया है। अग्निशमन की गाड़ियां भी व्यवस्थित तरीके से तैनात की गई है। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रात्रि में मनोरंजन के लिए खास तौर पर प्रदर्शनी का मंच तैयार किया जा रहा है। अभी मिट्टी डालकर चारों ओर से बाउंड्री की जा रही है। मेले में खोए हुए बच्चों बुजुर्गों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए स्काउट कैंप की जगह निर्धारित की गई है। मेले में बड़े झूले पूर्व और पश्चिम में लगाए जा रहे हैं। मौत का कुआं भी बनकर लगभग तैयार हो चुका है। मीना बाजार में अधिकांश दुकानदारों के लिए दुकानों का आवंटन कर दिया गया है। दुकानदारों ने अपनी दुकानें लगाना भी शुरू कर दी है। मुख्य गेट के दोनों ओर जलेबी और खज़लें बनना शुरू हो गए हैं। सब्जी और राशन की दुकान में भी लग चुकी हैं। श्रद्धालुओं का मेले में आवश्यक सामान की खरीदारी भी की जा रही है। श्रद्धालु अपने डेरे में सामान को व्यवस्थित रखने के बाद घूमने निकल रहे हैं। गंगा की गहराई को देखते हुए स्नान नहीं कर पा रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों और माननीयों के टेंट व्यवस्थित हो चुके हैं। मेले में मूंगफली, पेठा, चाय, पकौड़ी की दुकानें लग चुकी हैं। मार्गों के किनारे छोटे दुकानदार खिलौने लेकर बैठे हैं, मेले में मिट्टी के चूल्हे, लाठी-डंडे, उपले और दूध की बिक्री भी होने लगी है। श्रद्धालु जय जय गंगे माई की के जयघोष से के साथ मेले में पहुंच रहे हैं।