प्रशिक्षण के दौरान अभिलाषा यादव ने बताया कि रक्त संचार में बाधा उत्पन्न होने पर हृदयरोग की संभावना प्रबल होती है। इसके लिए जानुशिरासन, धनुरासन, मण्डूकासन, गोमुखासन,उत्तानपादासन, शलभासन,शशकासन लाभकारी है।प्रशिक्षक अभिलाषा ने कहा कि किडनियों को स्वस्थ रखने के लिए उत्सर्जन तन्त्र को मजबूत बनाना होगा। जिसके लिए उन्होंने अधोमुख श्वनासन, त्रिकोणासन, वीरभद्रासन विपरीतकर्णी आदि का अभ्यास कराया।
शिविर का संचालन रेंजर्स लीडर डॉ बरखा ने किया। राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ डाली,एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ बबिता यादव एवं डॉ सतीश सिंह यादव,विजेन्द्र सिंह,अमायरा चौहान आदि ने सहयोग प्रदान किया।
इस अवसर पर सुन्दरम,निधि,छायांशी शाक्य, दीक्षा पाठक,ऋतु ,साक्षी दुबे, खुशी, इलमा,उन्नति चौहान,दिशा मिश्र,तान्या सक्सेना,प्राची,शिवानी, मुस्कान,स्वाति शर्मा,प्रशान्त,उदित गुप्ता, अभिलक्ष्य, आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्टर – भगवान दास