बदायूँ। बार-बार देखने में आता है कि प्रदेश भर में एंबुलेंस संचालन कर्ता कंपनी वर्तमान कार्य कर रहे कर्मचारियों पर फर्जी के केसों का दबाव देकर फर्जी केस कराते रहते हैं जिससे वास्तव में परेशान जनता को समय पर एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पाती क्योंकि गाड़ी फर्जी केसों ज्यादातर बिजी रहती है समय-समय पर जीवनदायिनी संगठन ने भी इसकी आवाज को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ,सोशल मीडिया एवं जिलाधिकारी महोदय को ज्ञापन के माध्यम से एवं मुख्यमंत्री जी को भी ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया था कि प्रदेश में एंबुलेंस संचालन कर्ता कंपनी जीवीके फर्जीवाड़े के सहारे सरकार को महीने में करोड़ों का चूना लगा रही है इसी प्रकरण के चलते विगत जुलाई 2021 में अपने उत्पीड़न को लेकर फर्जी केस न करने पर अवैध रूप से बर्खास्त किए जाने पर एंबुलेंस कर्मचारियों ने अपनी आवाज भी उठाई थी इसी के चलते एंबुलेंस संचालन कर्ता कंपनी ने अपनी हेरा फेरी छुपाने के लिए अब तक लगभग 9000 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था वह सिलसिला अभी तक जारी है उन कर्मचारियों की बहाली भी नहीं हो पाई है और जीवीके कंपनी लगातार प्रत्येक गाड़ी पर रोजाना लगभग 30 से 40 केस फर्जी कराती है कर्मचारियों को रोज सुबह ही टारगेट दे दिया जाता है कि आपको आज शाम तक इतनी केस जरूर करने हैं यदि कर्मचारी टारगेट पूरा नहीं कर पाते हैं तब उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है इसी तरह परेशानी का सामना करते हुए पिछली जुलाई से अब तक लगभग 10 कर्मचारियों ने आत्महत्या भी कर ली हैं जिले पर बैठे अधिकारियों का उत्पीड़न इतना चरम सीमा पर है की कर्मचारी अपनी जान भी दांव पर लगा रहे हैं अब तक सरकार संगठन द्वारा उठाई गई आवाजों को दरकिनार करती रही लेकिन अब 20 मई 2022 को शासन की ओर से कंपनी की जांच करने के लिए एक आदेश जारी हुआ है जिसमें सभी मंडलायुक्त को आदेशित करते हुए कहा गया है कि अपने अपने मंडल की पिछले 3 महीने की एंबुलेंस के केसों की मोबाइल नंबर की नाम की और मरीजों की संख्या के विवरण कात्रसही से वेरिफिकेशन हो ताकि यह पता लग सके की एंबुलेंस संचालन कर्ता कंपनी सरकार से करोड़ों रुपए लूट रही है उसका खुलासा हो सके जीवनदायिनी संगठन इस शासन के आदेश का दिल से धन्यवाद एवं सराहना करता है।
जिला अध्यक्ष- दिनेश कुमार,
जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108,102 एम्बुलेंस कर्मचारी संघ( बदायूँ )