बदायूँ। महाराणा प्रताप जयंती के उपलक्ष में आज दिनांक 9 मई 2022 को राजकीय महाविद्यालय बदायूं में इतिहास विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में परिचर्चा का आयोजन कर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम पुरुष महाराणा प्रताप के शौर्य एवं बलिदान को याद किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय परिवार की मुखिया डॉ अंशु सत्यार्थी ने अपने उद्बोधन में बोलते हुए महाराणा प्रताप के शौर्य और और बलिदान की गाथा मात्र एक कहानी बनकर न रह जाए बल्कि आवश्यकता इस बात की है उनकी जीवनी से प्रेरणा लेते हुए हर भारतीय युवक और युवती को अपने आत्मसम्मान राष्ट्रहित पर कोई आंच नहीं आने देना चाहिए जैसे प्रेरणादायक विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता पर बल दिया। महाराणा प्रताप जीवन का एक-एक पल अपने देश और मातृभूमि पर मर मिटने की कहानी से लबरेज है और हमें आजादी के अमृत महोत्सव जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से ऐतिहासिक एवं महापुरुषों के व्यक्तित्व की गाथा जनमानस में प्रचारित एवं प्रसारित करना चाहिए।

हिंदी कार्यक्रम में बोलते हुए राजनीतिक विज्ञान विभाग की प्रभारी डॉक्टर डॉली ने महाराणा प्रताप के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया की महाराणा प्रताप की दुश्मनी किसी धर्म विशेष से नहीं थी बल्कि हल्दीघाटी के युद्ध में उनकी खुद की सेना में एक हजार अफगान सिपाही मौजूद थे जो महाराणा प्रताप के साथ कंधे से कंधा मिलाकर युद्ध में प्रतिभाग कर रहे थे जिससे स्पष्ट होता है महाराणा प्रताप का हृदय न केवल मातृभूमि के प्रति आस्था से भरा हुआ था अपितु सर्वधर्म समभाव का भाव भी उनके अंदर मौजूद था। इतिहास परिषद प्रभारी श्री संजय कुमार ने बोलते हुए तथ्यों को और नजदीक से जानने की आवश्यकता पर बल देते हुए राजस्थान के इतिहास की वास्तविक घटनाओं से परिचय कराते हुए महाराणा प्रताप के कठिन समय को एक चुनौती के रूप में प्रस्तुत किया महाराणा प्रताप न केवल वनों में आश्रय लिए रहे बल्कि जनमानस की कई समस्याओं के बारे में नजदीकी नजर बनाए रखे थे।

उनका मानना है इतिहास के पुनर लेखन के साथ विश्वमृत इतिहास को भी प्रकाश में लाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर अनिल कुमार ने आजादी के अमृत महोत्सव के माध्यम से केंद्र सरकार के द्वारा जारी की गई तमाम दिशा-निर्देशों के अनुरूप राज्य सरकार के निर्देशन में संचालित हो रहे इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के साथ-साथ उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा जारी विस्तृत कार्यक्रमों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए भारतीय इतिहास के विस्मित व्यक्तित्व महापुरुषों एवं महत्वपूर्ण घटनाओं को फिर से जनमानस के सामने लाने की सरकार की पहल को भारतीय इतिहास में 1 मील का पत्थर होने की बात कही। कार्यक्रम में समाजशास्त्र विभाग की प्रवक्ता यादव डॉ सतीश यादव अंग्रेजी विभाग की डॉ ज्योति बिश्नोई वनस्पति विज्ञान विभाग की डॉ सविता यादव एवं महाविद्यालय परिवार के कई सदस्य शामिल हुए। राष्ट्रीय सेवा योजना कि कई स्वयंसेवी एवं स्वयं सेविकाओं में कुमारी सना विपिन कुमार राखी अनुराग रिंकू कश्यप सविता यादव एवं महाविद्यालय परिवार के तमाम छात्र छात्राओं ने सहभागिता की।