दीवारों पर नम्बर सहित लिख रहे अपने आप को डाक्टर
कुंवर गांव । प्रदेश सरकार ने 2020 में पशु विभाग की तरफ प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक वैक्सीनेटर व साहक को लगाया था जिनकी प्रक्रिया पांच छः माह में पूर्ण हुई थी । जहां सरकार ने उनको ज़िम्मेदारी दी थी कि वह गांव में सभी सरकारी योजनाओं के वारे ग्रामवासियों को बताएं भरण पोषण से संबंधी जानकारी ग्रामीणों को उपलब्ध कराएं । पशुओं में टीकाकरण के वारे जानकारी बताएं । और गांव में पशुओं में बीमारी से संबंधित जानकारी पशु अस्पताल में पशु चिकित्साधिकारी को बताएं । लेकिन क्षेत्र में वैक्सीनेटरों ने अपना एक रोजगार सीधा कर लिया है जहां उनके लिए जिला स्तर पर न तो कोई प्रशिक्षण दिया गया। और न उनके पास टीकाकरण करने का कोई डिप्लोमा है और न ही कहीं अंडर प्रैक्टिस रखा गया जिसके बाद भी क्षेत्र में दर्जन भर वैक्सीनेटरों अपना धंधा तैयार कर लिया जो सुबह होते ही घर से एक बैग में पैरासीटामोल ,आक्सी वायल दबा भरकर निकल जाते हैं और क्षेत्र में जमकर पशुओं का इलाज कर पशुपालकों को लूट रहे हैं। और झोलाछाप पशु डाक्टर बन बैठे हैं जहां गांव गांव जाकर दीवारों ,खम्भों पर अपने नम्बर के साथ अपने आप को पशुडाक्टर लिख रहे हैं । जिन्हें न तो वैटनरी का ज्ञान है । केवल बीमार पशु के उल्टा सीधा इंजेक्शन लगाकर पैसे बसूलने से मतलब है ।
इस संबंध में सलारपुर पशु चिकित्साधिकारी डाक्टर संजीव भुयार का कहना है कि अगर कोई बिना प्रशिक्षण प्राप्त किए ऐसा कार्य कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी ।
रिपोर्ट – तेजेन्द्र