Will the reduction in the price of petrol and diesel affect the UP elections? people are not looking very happy
केंद्र सरकार ने देशवासियों को दीवाली का तोहफा देते हुए पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स में 5 और 10 रुपये प्रति लीटर की कमी का ऐलान किया था. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भी पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी कर दी. इससे कई राज्यों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये से नीचे आ गए. डीजल भी सस्ता हो गया. दरअसल, बीते कई हफ्तों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा था. करीब 1 महीने से तो रोज 35 पैसे प्रति लीटर दाम बढ़ रहे थे. पेट्रोल-डीजल की कीमत का असर महंगाई पर पड़ रहा था. माल भाड़ा बढ़ने से हर स्तर पर महंगाई बढ़ गई थी. सब्जियों के दाम तो आसमान छू रहे थे. खाद्य तेल से लेकर हर चीज महंगी थी. इसे लेकर न सिर्फ जनता में हाहाकार मचा था बल्कि विपक्षी दल भी सरकार पर हमलावर हो रहे थे क्योंकि 3 महीने बाद उत्तर प्रदेश समेत पांच प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए पेट्रोल-डीजल के दाम बड़ा मुद्दा होने वाला था.
केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव को देखते हुए पेट्रोल-डीजल में टैक्स की कमी करने का बड़ा फैसला लिया. इस फैसले के पीछे चुनाव को असली वजह माना जा रहा है. आपको ध्यान होगा कि लोकसभा चुनाव के पहले भी केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम में टैक्स हटाकर कमी की थी और उसका भाजपा को बहुत जबरदस्त फायदा भी मिला था. इस बार भी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के पहले सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम में टैक्स घटाकर जनता को राहत देने की एक पहल की है.