कहीं गले की फांस ना बन जाए एबीएसए को लापरवाह अध्यापकों को बचाना

सहसवान! मामला सहसवान तहसील क्षेत्र के ब्लॉक दहंगवा का है जहां प्राथमिक विद्यालय पावड पुख्ता में शिक्षामित्र तलिव अली मौजूद मिले बाकी के अध्यापक नदारद थे वही ग्रामीणों ने बताया शालिनी मैडम साल में एक बार आकर हाजिरी लगा जाती हैं उसके बाद विद्यालय का मुंह नहीं देखती वही इस बारे में एबीएसए हर्षित कुमार से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने आज ही प्रेरणा एप पर सीएल अपलोड की है तो फिर बाकी के 8 दिन की सीएल या कौन सा अवकाश दर्ज कराया जाएगा लेकिन वहां मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि शालिनी मैडम विद्यालय नहीं आती मौके पर शिक्षामित्र तालिब अली ने भी बताया कि मैडम विद्यालय नहीं आती लेकिन हम क्या कर सकते हैं हैरान करने वाली बात यह है कि ऐसे लापरवाह लोगों के लिए एबीएसए क्यों बचाने पर तुले हुए हैं इससे साफ नजर होता है कि कहीं ना कहीं एबीएसए के संरक्षण में लापरवाह अध्यापकों का काम पनप रहा है वही ग्रामीणों का यह तक कहना था कि शालिनी मैडम के भाई कोई ऊंची पोस्ट पर है इसीलिए उन्हें किसी बात का कोई खौफ नहीं है एक तरफ योगी सरकार शिक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तरह चिंतित नजर आ रही है तो ऐसे लापरवाह लोगों की वजह से योगी सरकार की जमकर फजीहत होती नजर आ रही है क्या एबीएसए रजिस्टर जो बया कर रहे हैं उनको झुठला सकते हैं आखिर क्यों जिले से लेकर मंडल पर बैठे अधिकारियों को एबीएसए गुमराह कर रहे हैं कहीं ऐसा ना हो मामले की बारीकी से जांच की जाए तो एबीएसए भी पूरी तरह भ्रष्टाचार में सम्मिलित ना पाए जाएं प्राथमिक स्कूल पावड पुख्ता का वायरल हाजिरी रजिस्टर पूरी कहानी को बयां कर रहा है जिसमें इंचार्ज प्रधानाध्यापक पुष्पेंद्र सिंह 9:20 तक मौजूद नहीं थे इसी क्रम में शालिनी गौतम अक्टूबर माह में एक भी दिन हाजिरी नहीं लगी थी इनका वहीं शिक्षामित्र तालिब अली की लगातार उपस्थिति है सवाल यह उठता है कहीं इस प्रकरण में एबीएसए पर ही लाल स्याही का दाग न लग जाए वही एबीएसए बता रहे हैं कि आज 9 तारीख को ही शालिनी गौतम नहीं आई है आप लोगों को गलतफहमी है शालिनी मैडम तो रोज आती है अगर आती है तो उन्होंने 1 अक्टूबर से लेकर 9 अक्टूबर तक हस्ताक्षर क्यों नहीं किए मजेदार बात यह है कहीं ना कहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ की बदबू आती दिखाई दे रही है क्या नया रजिस्टर बनाया जाएगा या फिर शिक्षामित्र पर अधिकारी दवाव बनाएंगे बरहाल शालिनी गौतम को बचाने के लिए कौन सा फार्मूला अधिकारी अपनाएंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा