बदायूं। घोटाले में लिप्त अधिकारियों को जेल भेजे जाने के साथ ही मृत शिक्षक के परिजनों को एक करोड़ रुपए मुआवजे की मांग।

भूमिगत विद्युतीकरण घोटाले के विरुद्ध 27 जुलाई को जिलाधिकारी बदायूं के कार्यालय पर होगा सत्याग्रह।

मुख्य मंत्री, ऊर्जा मंत्री व पावर कारपोरेशन के चेयरमैन को संबोधित पांच सूत्रीय मांग पत्र अधीक्षण अभियन्ता को सौंपा।

भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के तत्वावधान में भूमिगत विद्युतीकरण घोटाले के कारण असमय मृत्यु के शिकार शिक्षक हरि नंदन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु अधीक्षण अभियन्ता विद्युत वितरण मण्डल बदायूं के कार्यालय पर मौन सत्याग्रह का आयोजन भीषण वर्षा में ही प्रात: दस बजे से ग्यारह बजे तक किया गया। मौन सत्याग्रह के पश्चात भ्रष्ट तत्वों को सद्बुद्धि प्रदान करने के उद्देश्य से राष्ट्र राग “”रघुपति राघव राजाराम ………….”” का कीर्तन भी किया गया। तत्पश्चात मुख्य मंत्री, ऊर्जा मंत्री, प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड व मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को संबोधित पांच सूत्रीय मांग पत्र अधीक्षण अभियन्ता विद्युत वितरण मण्डल बदायूं को सौंपा गया।

इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक व जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भूमिगत विद्युतीकरण घोटाले के विरुद्ध प्रथम शिकायत 20 जुलाई 2016 को की गई, उसके पश्चात निरंतर शिकायते की जाती रही। शिकायत कर्ता व नागरिकों के सहयोग के बिना घोटाले को संरक्षण देने हेतु फर्जी जांचे होती रही। आज तक जॉच अख्याये सार्वजनिक नहीं की गई है। शहर को स्मार्ट बनाने के लिए बनी योजना ने शहर की स्मार्टनेस ही छीन ली। अनेक पशुओं के प्राण चले गए अनेक नागरिक दुर्घटनाग्रस्त हुए। 15 जुलाई को शिक्षक हरि नंदन सिंह भी घोटाले के कारण मौत के मुंह में समा गए। विद्युत विभाग के साथ ही प्रशासन भी संवेदना हीन बना हुआ है।

श्री राठौड़ ने कहा कि 2017 के विधान सभा चुनाव में भूमिगत विद्युतीकरण घोटाला प्रमुख मुद्दा बना, दुर्भाग्य का विषय है कि वर्ष 2017 मे सत्ता परिवर्तन के बाद भी इस घोटाले को संरक्षण देने का कार्य किया गया, नागरिक हितो की अनदेखी की गई। 2022 के विधान सभा चुनाव में भी यह घोटाला फ़िर से प्रमुख मुद्दा बनेगा। भविष्य में किसी और हरि नंदन सिंह को प्राण न गंवाने पड़े, इसके लिए यदि गंभीर प्रयास नहीं किए गए, मृत शिक्षक के परिजनों को एक करोड़ रूपए मुआवजा नहीं दिया गया, उत्तरदाई अधिकारियों को जेल नहीं भेजा गया तो 27 जुलाई 2021 को जिलाधिकारी बदायूं के कार्यालय पर सत्याग्रह करने के साथ ही दीर्घ कालिक नागरिक आन्दोलन की योजना बनाई जायेगी।

इस अवसर पर भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के संरक्षक डाल भगवान सिंह, एम एल गुप्ता, केन्द्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल, जिला समन्वयक एम एच कादरी, सह जिला समन्वयक अखिलेश सिंह, प्रभारी जन दृष्टि न्यूज सतेंद्र सिंह, सह तहसील समन्वयक अखिलेश सोलंकी, महेश चंद्र, दीपक माथुर, ब्लाक समन्वयक भानु प्रताप सिंह, अजय पाल, उदय भान सिंह आदि उपस्थित रहे।