वयोवृद्ध नारियों और वरिष्ठ साहित्यकारों को किया सम्मानित।
साहित्यकार, सूचना व सामाजिक कार्यकर्ता बनेंगे समग्र सामाजिक परिवर्तन का कारण।
गांधी जी के विचारों के अनुसरण से होगी नारी सम्मान में वृद्धि।
संदिग्ध चरित्र के व्यक्तियों का हो सामाजिक बहिष्कार।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के स्थापना दिवस पर ग्राम सिलहरी में “” नारी के प्रति बढ़ते अपराध व निवारण के उपाय “” विषयक संगोष्ठी का आयोजन अभियान के मार्गदर्शक एस सी गुप्ता की अध्यक्षता में, संरक्षक डॉ राम रतन सिंह पटेल के संयोजन में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय मीडिया परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज राठौर उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम उपस्थित जनों ने राष्ट्रपिता के चित्र पर पुष्प अर्पित किये। तदन्तर जिला समन्वयक एम एच कादरी व वेदपाल सिंह कठेरिया द्वारा राष्ट्र राग “” रघुपति राघव राजाराम …….”” का सामुहिक कीर्तन कराया। संरक्षक एम एल गुप्ता द्वारा ध्येय गीत ” जीवन में कुछ करना है तो मन को मारे मत बैठो…..” प्रस्तुत किया गया। केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल व मंडल समन्वयक शमसुल हसन ने संगठन का परिचय ,रीति नीति, कार्य पद्धति , उद्देश्यों व परिणामों से परिचित कराया। सूचना कार्यकर्ताओं को परिचय पत्र भी वितरित किए गए।
मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय मीडिया परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज राठौर ने कहा कि जनपद बदायूँ के प्रमुख सूचना/सामाजिक कार्यकर्ता आज बड़े ही महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने एकत्र हुए हैं, हमें समस्या पर चर्चा न करके समाधान खोजना हैं, समाधान बड़ा ही सरल है, जो हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों में छिपी है। हमारे राष्ट्र ध्वज में धर्म चक्र जिसे हम अशोक चक्र के नाम से भी जानते हैं, इसी धर्म चक्र की स्थापना हमें अपने अंदर करनी है, धर्म चक्र की स्थापना का उपाय भगवान बुद्ध ने बहुत ही सरल रूप में बताया है। धर्म चक्र की स्थापना से मन नियंत्रण में रहेगा, स्वस्थ रहेगा , परिणाम स्वरूप दुर्विचार उत्पन्न नहीं होंगे। जब दुर्विचार उत्पन्न नहीं होंगे तो अपराध नहीं होंगे, व्यभिचार की घटनाएं घटित नहीं होंगी। इसके लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है। हर गांव में एक प्रशिक्षित व्यक्ति पूरे गांव के परिवर्तन का कारण बनेगा। इस प्रकार के आयोजनो से जनपद भर में होने से आने वाले समय में बदायूँ जनपद देश का प्रथम भ्रष्टाचार मुक्त, अपराध मुक्त, व्यभिचार मुक्त, आत्म निर्भर जनपद बन सकेगा और बदायूँ में उत्पन्न हुआ विचार पूरे देश को दिशा देने का कार्य करेगा।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में विचार व्यक्त करते हुए भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर वर्ष 2011 मे संगठन की स्थापना हुई। महात्मा गांधी ने हर विषय पर विचार दिए हैं, उनके नारी के संदर्भ में व्यक्त किए गए विचार वर्तमान परिस्थितियों में सर्वाधिक प्रासंगिक हैं। गांधी जी के विचारों का अनुसरण किया जाए तो समाज में नारी के प्रति आदर का भाव विकसित होगा। कठोर कानून बनाने से घटनाएं नही रुकेंगी बल्कि सामाजिक चेतना से ही दुष्कर्म की घटनाएं रुकेंगी। गाँधी जी के विचारों को जन जन तक पहुचाने का कार्य सूचना/ सामाजिक कार्यकर्ता करेंगे। जनपद बदायूं मे उघैती कांड की पुनरावृत्ति न हो, महिलाओं के प्रति श्रद्धा व आस्था का वातावरण निर्मित हो, इसके लिए संगठन जनपद में पचास प्रमुख स्थानों पर विचार गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा, इन गोष्ठियों में साहित्यकारों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। साहित्यकार सामाजिक परिवर्तन का कारण बनेंगे। धर्म स्थलों में शिक्षित और प्रशिक्षित व्यक्ति ही धार्मिक कार्य कराए, इसके लिए भी मुहिम चलाई जाएगी।सोशल मीडिया के सकारात्मक व सृजनात्मक प्रयोग की आवश्यकता है। वर्तमान समय में सोशल मीडिया समाज को प्रभावित कर रही है। संदिग्घ चरित्र के पुरुषों और महिलाओं को चिन्हित कर उन्हें उपेक्षित व बहिष्कृत करने का साहस नागरिकों को जुटाना पड़ेगा। इस दिशा में समाज को जाग्रत करने मे सूचना कार्यकर्ताओं की बड़ी भूमिका रहेगी।
कार्यक्रम में जनपद के पांच श्रेष्ठ साहित्यकारों महेश मित्र, डॉ गीतम सिंह, सुरेंद्र नाज, डॉ प्रतिमा मिश्रा व सुनील शर्मा को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में 80 वर्ष से105 वर्ष आयु की ग्यारह वयोवृद्ध महिलाओं लौंग श्री, ओमवती देवी, सुंदर देवी, टिकोली देवी, रामबेटी शर्मा, दुलारो देवी, राम श्री, ज्ञान देवी, फुला देवी, रामवती व शांती देवी को फूल माला पहनाकर व शाल उड़ाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में बदायूँ बिसौली मार्ग पर सूचना कार्यकर्ताओं द्वारा यातायात जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से डाल भगवान सिंह, धनपाल सिंह, सुरेश पाल सिंह, कैप्टन राम सिंह,डॉ सुशील कुमार सिंह राकेश सिंह, अखिलेश सिंह, अभय माहेश्वरी, सतेन्द्र सिंह, नेत्रपाल, राम-लखन, आकाश तोमर, असद अहमद, आर्येन्दर पाल सिंह, महेश चंद्र, अखिलेश सोलंकी,भानु प्रताप सिंह, सुमित कुमार, कृष्ण गोपाल, नीरज,रवि कुमार, जुल्फिकार, उदयभान सिंह, इकरार अली,शाहनबाज कादरी, अमित शर्मा, अमीरुद्दीन, वीरपाल, सुभाष सिंह , हरिओम गुप्ता, किशनवीर, भुवनेश कुमार, राजवीर, प्रमोद कुमार, रिजवान, पिंकुल कुमार, मुनेश कुमार, राजीव कुमार चौहान, हरिओम यादव, रामकिशोर, अमरीश, धर्मेंद्र, राशिद खां, दीपक वार्ष्णेय, अमीरुद्दीन, अजयपाल, वीरपाल, भगवानदास, सुशील चौहान, विकास कुमार, रामनिवास वर्मा, मनोज कुमार, अरविंद कुमार, विजनेश कुमार, आशाराम शाक्य, जसवंत, रामवीर, रामरतन मिश्रा, सत्यवीर, विपिन कुमार सिंह, लालाराम, नाथुलाल, लालता प्रसाद, संगीता रानी, सुनीता देवी आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन कवि व साहित्यकार षत वदन शंखधार ने किया।
अंत में कार्यक्रम संयोजक डॉ राम रतन सिंह पटेल ने सभी का आभार प्रकट किया।