A son demands the government to pardon the 7 blood of his armed mother
अमरोहा जिले के गांव बावनखेड़ी हत्याकांड की दोषी शबनम को फांसी नहीं दिए जाने की गुहार चीफ जस्टिस की कोर्ट में लगाई जाएगी। इसके अलावा इस प्रकरण से संयुक्त राष्ट्र संघ को भी रुबरु कराएंगे।राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने शबनम की फांसी रोकने और पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की अर्जी को खारिज कर दिया है।
आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खां ने 21 फरवरी 2021 को मानवाधिकार आयोग में अर्जी लगाई थी, जिसे 20 मई को दर्ज किया गया था। दानिश खां ने तर्क दिया था कि यूपी पुलिस की जांच के आधार पर शबनम को दोषी ठहराया गया है। यूपी पुलिस की जांच भरोसेमंद नहीं हो सकती। सीबीआई से जांच कराने के अलावा शबनम की फांसी के लिए महिला जल्लाद की व्यवस्था कराए जाने की मांग की गई थी। क्योंकि, स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी दी जाएगी। आयोग ने मामला दर्ज तो कर लिया लेकिन, यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र का नहीं है।
आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खां का कहना है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा महज 24 घंटे में रिट खारिज करने के बाद Chief Justice of India की कोर्ट में अर्जी लगाने की तैयारी कर रहा हूं। इसके अलावा यूनाइटेड नेशंस को भी एक पत्र फांसी की सजा माफ करने के लिए भेजूंगा। सात मर्डर हुए इस मामले में सीबीआई जांच नहीं कराई गई। इसमें कुछ और चेहरे भी सामने आ सकते हैं। मामले की सीबीआई जांच होना आवश्यक है, सिर्फ यूपी पुलिस की जांच के सहारे नहीं रहा जा सकता। शबनम ने भी न्याय के लिए सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की है।
शबनम ने 14 अप्रैल 2008 की रात अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने मां-बाप, भाई, भाभी, बहन और मासूम भतीजे समेत सात लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में अमरोहा के जनपद न्यायालय में दोनों को वर्ष 2010 में फांसी की सजा सुनाई थी। मामला हाईकोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। जहां दोनों की सजा बरकरार रखी गई। वर्ष 2016 में राष्ट्रपति ने शबनम की दया याचिका खारिज कर दी थी। अगस्त 2019 में मुरादाबाद जेल में कैदियों की संख्या अधिक होने पर शबनम को रामपुर जेल में शिफ्ट करा दिया गया था। फरवरी माह में रामपुर जेल में शबनम का हंसते हुए Video viral होने पर उसे बरेली जेल शिफ्ट कर दिया गया। फिलहाल, शबनम बरेली जेल में सजा भुगत रही है।
बुलंदशहर से अपनी मां शबनम से जेल में मिलने आए उसके बेटे मोहम्मद ताज ने राष्ट्रपति से अपनी मां की फांसी सजा माफ किए जाने की फरियाद की है।