बदायूं। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए द्विवर्षीय निर्वाचन बरेली-मुरादाबाद खंड स्नातक निर्वाचन शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। सोमवार को जनपद में 21 मतदान केन्द्र के 28 मतदान बूथों पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया गया।प्रातः 08ः00 बजे से 04ः00 बजे तक 63.7 प्रतिशत मतदान हुआ।बरेली मुरादाबाद स्नातक खंड के लिए जिले के 28 बूथों पर मतदान हुआ। शुरुआत में कम संख्या में मतदाता पहुंचे।शहर में स्नातक खंड के मतदान के लिए मतदाता नगर पालिका परिषद एवं राजकीय इंटर कॉलेज में बनाए गए बूथ पर पहुंचे।इसके अलावा उझानी नगर पालिका, कादरचौक, सालारपुर, जगत, समरेर, दातागंज, म्याऊं, उसावा, सहसवान, दहगवा, अंबियापुर, इस्लामनगर, आसफपुर, बिसौली, वजीरगंज ब्लॉक में वोट डाले गए। नगर पंचायत कार्यालय अलापुर, नगर पालिका परिषद सहसवान, नगर पालिका बिल्सी के लिए भी मतदान केंद्र बनाया गया। शुरुआत में यहां पर कम संख्या में वोटर पहुंच रहे हैं, लेकिन समय बढ़ने के साथ ही मतदाताओं की संख्या बढ़ती गई। प्रत्याशियों के सहयोगियो द्वारा मतदाताओं के लिए घर से बाहर निकालने का प्रयास किया गया। इसके लिए वह फोन के माध्यम से एवं घर-घर जाकर व्यक्तिगत रूप से मतदाताओं से मिलकर वोट डालने की अपील की गई। इधर शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष पूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराने के लिए बनाए गए माइक्रो ऑब्जर्वर अपने अपने बूथों का दौरा किया।कौन कौन प्रत्याशी मैदान में रहेबरेली मुरादाबाद स्नातक खंड से भाजपा से जयपाल सिंह व्यस्त, सपा से शिवप्रताप सिंह यादव, भाकृद से सुशील दीक्षित एवं निर्दलीय ओमप्रकाश, ताज मोहम्मद, फुरकान अली, मोहित पांडे, रोमी सागर, वजाहत अंसारी, विश्वनाथ मैदान में है।02राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि पर 2 मिनट का मौन धारण कर दी श्रद्धांजलिबदायूं।राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनके विचारों को साझा करते हुए पूर्वान्ह 11 बजे कलेक्ट्रेट परिसर स्थित शहीद स्थल पर जिलाधिकारी मनोज कुमार ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ दो मिनट का मौन रख कर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी।सोमवार को डीएम ने कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई का प्रमुख चेहरा महात्मा गांधी का था। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, लेकिन लोग उन्हें बापू के नाम से जानते हैं। सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर गांधी जी ने देश को आजादी दिलाई। वह निष्काम कर्मयोगी और सच्चे अर्थों में युग पुरुष थे। यही कारण है कि उन्हें ’महात्मा गांधी’ कहा जाने लगा। नरम दल हो या अंग्रेजों को खदेड़ने में विश्वास रखने वाले गरम दल के नेता हों, विचारों की भिन्नता के कारण भी सभी गांधी जी का सम्मान करते थे। स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस ने पहली बार गांधी जी को राष्ट्रपिता कह कर संबोधित किया था। उसके बाद गांधी जी देश के राष्ट्रपिता बन गए। देश को आजादी मिल गई लेकिन 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी। यह दिन पूरे भारत के लिए क्षति का दिन था। महात्मा गांधी की याद में आज के दिन को भारत ’शहीद दिवस’ के तौर पर मनाता है। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर मनाया गया कुष्ठ उन्मूलन दिवस बदायूं।मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर कुष्ठ उन्मूलन दिवस मनाया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के मौके पर मुख्य चिकित्साधिकारी, पदाधिकारी और चिकित्सकों ने महात्मा गांधी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉक्टर सुधीर कुमार गुप्ता ने कुष्ठ के लक्षण निदान एवं चिकित्सा पर विशेष रुप से प्रकाश डाला। सीएमओ डॉ प्रदीप वार्ष्णेय ने कुष्ठ रोगियों से भेदभाव न करने एवं उनको समाज की मुख्यधारा में लाने की अपील करते हुए जिलाधिकारी का संदेश पढ़ा । आज से शुरू हो रहे सघन कुष्ठ रोगी खोजी अभियान एवं नियमित निगरानी कार्यक्रम एवं स्पर्श कुष्ठ जागरूकता कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपने अधीनस्थ अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए । कार्यक्रम में नोडल डॉक्टर तहसील , डिप्टी डीएलओ डॉ विपिन वर्मा , डॉ कौशल ,एनएमए मानवीर सिंह ,एचई सुधा , फिजियोथैरेपिस्ट स्रष्टी मिश्रा , सुखपाल आदि मौजूद रहे।