बदायूं। शनिवार को जिलाधिकारी मनोज कुमार ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 प्रदीप वार्ष्णेय के साथ राजकीय मेडिकल कालेज एवं जिला अस्पताल में कोविड से निपटने के लिए आइसोलेट, क्वॉरेंटाइन सहित सामान्य वार्डो का निरीक्षण किया। आइसोलेट एवं क्वॉरेंटाइन वार्ड में बेड एवं वेंटिलेटर की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। उन्होने मेडीकल कालेज के प्रशासन को निर्देश दिए कि भविष्य में कोविड की स्थिति बढ़ती है तो उससे निपटने के लिए सारी व्यवस्थाएं पहले से ही चाक चौबंद कर ली जाए।

मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य की स्थिति अभी अपूर्ण होने पर डीएम ने कार्यदायी संस्था एवं मेडिकल काजेज प्रशासन से अपूर्ण निर्माण कार्य दूर कराने के निर्देश दिए।डीएम ने राजकीय मेडिकल कॉलेज में गंदगी, साफ-सफाई, बाहर से दवाएं लिखने पर, बेडशीट, कम्बल समय से न बदलने पर कडी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने मरीजों से चिकित्सीय, खाने-पान आदि व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी ली तो एक मरीज के तीमारदार ने बताया कि डॉ0 यशवीर द्वारा बाहर से दवाई लिखी जाती है तो डीएम असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सारी दवाईयां शासन द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है तो बाहर से दवाई क्यों लिखी जा रही है इसके प्रति जवाब उपलब्ध कराया जाए। उन्होने निर्देश दिए कि बेडशीट एवं कंबल नियमित बदले रहे।उन्होंने मेडिकल प्रशासन की कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि सारी व्यवस्थाएं जल्द से जल्द चाक-चौबंद की जाए। राजकीय मेडिकल कॉलेज के दो एवं जिला अस्पताल में एक ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति का जायजा लिया तो एक हजार प्रति मिनट क्षमता का चलता मिला। उन्होने ऑक्सीजन सप्लाई एवं उपयोग के बारे में भी जानकारी ली। बाहर से आने वाले लोगों के कोविड टेस्ट के लिए हेल्पडेस्क सक्रिय की जाए। उन्होंने जिला अस्पताल में निरीक्षण करते हुए सीएमएस डॉ0 विजय बहादुर राम को निर्देश दिया कि रेन बसेरे में चारपाई, चादर आदि व्यवस्थाएं रहे। अलाव जलाने की व्यवस्था नियमित चलती रहे। रैन बसेरे में रहने वाले व्यक्तियों के लिए रजिस्टर मेंटेन किया जाए।
