विश्व के इतिहास में इतने बड़े स्तर पर राज्यों के एकीकरण में कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता-जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी
जिलाधिकरी शिवाकान्त द्विवेदी ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में ‘लौह पुरुष‘ सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती के अवसर पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की चित्र पर पुष्पांजलि व मार्ल्यापण कर नमन करते हुए उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को ‘‘राष्ट्रीय एकता दिवस‘‘ की शपथ दिलाई।
जिलाधिकारी ने कहा कि ‘लौह पुरुष‘ सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 ई0 को गुजरात के नाडियाद नामक गांव में एक किसान परिवार के घर में हुआ था। उन्होंने भारत की आजादी के स्वतंत्रता आंदोलन में खेड़ा तथा बारडोली किसान आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बारडोली किसान आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण वहां की महिलाओं ने उन्हें सरदार की उपाधि प्रदान की। इसी कारण लोग उन्हें सरदार के नाम से संबोधित करते है। पटेल जी, महात्मा गाँधी के साथ पूर्ण रूप से जुड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल एक स्वतन्त्रता सेनानी के साथ-साथ भारत के पहले उप प्रधानमंत्री, प्रथम गृहमंत्री भी थे। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री के रूप में उनकी पहली प्राथमिकत देसी रियासतों (राज्यों) को भारत में मिलना था और सरदार पटेल की महानतम देन की 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण करना। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर, जूनागढ़ एवं हैदराबाद के राजाओं ने ऐसा करना नहीं स्वीकारा। लेकिन अपने कुशल नेतृत्व तथा दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर उन्होंने जूनागढ़ के नवाब के विरूद्ध जब जन्मत संग्रह भारत के पक्ष में तो वहां का नवाब पकिस्तान चला गया, जूनागढ़ को भारत में मिला लिया गया। हैदराबाद के निजाम के विरूद्ध उन्होंने पुलिस हस्ताक्षेप करके भारत में मिला लिया तथा जम्मू और कश्मीर में कबाईलों ने जब जम्मू कश्मीर पर आक्रमण किया तो वहां के राजा ने कुछ शर्तों के साथ भारत में विलय किया। इसका पूर्ण विलय 5 अगस्त, 2019 कर लिया गया। उन्होंने कहा कि विश्व के इतिहास में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं हुआ जिसने इनती बड़ी संख्या में राज्यों का एकीकरण किया। अतः आजादी के बाद विभिन्न राज्यों में बिखरे भारत को भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के कारण ही इनको ‘लौह पुरूष‘ तथा ‘भारत का विस्मार्क‘ कहा जाता है। उन्होंने कहा कि यही आशा यहां उपस्थित मैं आप सभी से करता हूॅ कि सामाजिक एकता तथा राष्ट्रीय एकता के लिए अपनी भूमिका सत्य निष्ठा तथा ईमानदारी से निभाएंगें। जय हिन्द जय भारत।