आज वूमेन चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी पंजी0 की प्रदेश अध्यक्ष ऋतु शाक्य के नेतृत्व में संगठन के कार्यकर्ताओं ने बरेली के गांधी उद्धान में विश्व महिला दिवस को धूमधाम से मनाया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ऋतु शाक्य ने कहा कि विश्व महिला दिवस जोकि विश्व की महिलाओं की शक्ति को परिभाषित करता है । जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली महिलाओं ने समाज में राजनीति में, साहित्य में, पुलिस फोर्स में, खेलों में, युद्ध क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में,अथवा किसी भी क्षेत्र में बड़े स्तर पर कार्य किया है ।

इस अवसर पर उन महान हस्तियों को याद किया जाता है जिन्होंने नारी शक्ति को एक मुकाम दिलाने में अहम भूमिका निभाई है ।

8 मार्च को ही विश्व महिला दिवस (इंटरनेशनल वूमेंस डे) क्यों मनाया जाता है।

इस दिन संपूर्ण विश्व की महिलाएं देश जात-पात भाषा राजनीति सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर इस दिन को मनाती हैं ।

संगठन की मण्डल अध्यक्ष शशिप्रभा ने कहा कि
जहां भारत में पहले महिलाएं अपने हक में कम ही बोलती थी । वही 21वीं सदी की स्त्री ने स्वयं की शक्ति को पहचान लिया है और काफी हद तक अपने अधिकारों के लिए लड़ना भी सीख लिया है । आज महिलाओं ने साबित कर दिया है कि वह हर क्षेत्र में अपना नाम बनाने में हर प्रकार से सक्षम है ।

8 मार्च विश्व महिला दिवस के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है कि क्लारा जेटकिन ने महिला दिवस मनाने के लिए कोई तारीख पक्की नहीं की थी । साल 1917 में युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस (यानी खाना और शांति) की मांग की । महिलाओं की हड़ताल ने वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया था । उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर का प्रयोग होता था । जिस दिन महिलाओं ने हड़ताल शुरू की थी ‌। वह तारीख 23 फरवरी थी ।

संगठन की जिलाउपाध्यक्ष मोहिनी वर्मा ने कहा कि
भारत में लंबे समय से 8 मार्च की जगह 10 मार्च को भारतीय महिला दिवस मनाया जाता है । इसके पीछे खास वजह है कि इस दिन 19वीं सदी में स्त्रियों के अधिकारों अशिक्षा छुआछूत सती प्रथा बाल या विधवा विवाह जैसी कुरीतियों पर आवाज उठाने वाली देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले का स्मृति दिवस होता है ।

संगठन की जिलासचिव मेघा वर्मा ने कहा कि
आज विश्व में महिलाओं ने अपनी शक्ति को भली-भांति पहचान कर हर क्षेत्र में अपना अलग मुकाम बनाने में सफलता हासिल की है । सोनिया गांधी जोकि भारतीय कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी की सर्वे सर्वा रही हैं । उनकी शक्ति से पूरा देश भली भांति परिचित है और अरुंधति राय जोकि एक प्रसिद्ध साहित्यकार और प्रसिद्ध व्यक्तित्व की पहचान मानी जाती है ।

संगठन की महानगर अध्यक्ष शन्नो वर्मा ने भी प्रकाश डालते हुए कहा कि सुनीता विलियम्स जिन्होंने खगोल विज्ञान के क्षेत्र में बड़ा नाम कमाया है । और काफी समय अंतरिक्ष में भी रहने का अनुभव है प्राप्त है । किरण बेदी देश की सबसे पहली आईपीएस महिला जिन्होंने प्रशासनिक क्षमता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । चंद्रा कोचर कारपोरेट जगत की एक महत्वपूर्ण हस्ती जिन्होंने कारपोरेट एवं बैंकिंग प्रणाली में अभूतपूर्व भूमिका निभाने में अपनी उपस्थिति दर्ज की । मैरी कॉम जिन्होंने देश को अपने मुक्केबाजी के रण कौशल में अनेकों गोल्डन पुरस्कारों से नवाजा ।

महानगर उपाध्यक्ष सुरभि सोनी ने कहा कि
एकता कपूर मशहूर फिल्म डायरेक्टर एवं मशहूर फिल्म अभिनेता जितेंद्र की बेटी जिन्होंने अपने कार्य कौशल के बल पर बड़ा मुकाम हासिल किया । इसी के साथ सुनीता नारायणन मेधा पाटकर एवं माधुरी दीक्षित जैसी महत्वपूर्ण हस्तियों ने स्त्री शक्ति को आगे बढ़ने के लिए नए-नए मार्ग उपलब्ध कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । विश्व महिला दिवस के मौके पर आज हमें मलाला यूसुफजई जैसी महत्वपूर्ण हस्तियों को भी याद करना होगा । जिस छोटी बच्ची को शिक्षा की रोशनी जगाने के जुर्म में अफगानिस्तान के कट्टरपंथी संगठनों द्वारा मरणासन्न कर दिया गया । लेकिन उनके हौसले और बुलंद जज्बे ने वहां की महिलाओं में एक रौशनी पैदा की । वहां की सरकार द्वारा उनके जज्बे को सलाम करते हुए महिलाओं को बहुत से अधिकार दिए गए ।उनकी इसी विशेषता के कारण उन्हें विश्व शांति नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया ।

संगठन की वार्ड अध्यक्ष संगीता वर्मा ने कहा कि
आज सबसे बड़ी चुनौती इसी बात की है कि आज भी हमारे समाज में महिलाओं को निम्न द्रष्टि से देखना आम बात हो चुकी है । जहां श्रीमती सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री रहते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय को एक नई दिशा प्रदान की ।

तो वहीं श्रीमती निर्मला सीतारमण ने रक्षा मंत्री जैसा महत्वपूर्ण पद भार संभाला ।आज देश की वित्त मंत्री पद को सुशोभित कर रही है । सबसे बड़ी खुशी इस बात की है हमारे उत्तर प्रदेश की प्रथम महिला ( राज्यपाल)श्रीमती आनंदी पटेल जी हैं ।

वार्ड अध्यक्ष गीता सिंह,कीर्ति शर्मा,गुँजन,प्रिया सिंह ने कहा कि आज बेटियों के प्रति हमें विचार करना होगा कि हम बेटे बेटी में फर्क न करके उन्हें आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायें ।

नारी शक्ति का आगाज हुआ आसमान भी विभोर हुआ ।
देख रहा है नारी शक्ति के अंदाज को जिसमें बेटियों का शोर हुआ ।।

कार्यक्रम में बबली गौतमी, नेहा सागर, शिवी शर्मा, बबली मौर्य, कपिल, संघमित्रा, सृष्टि सिंह, अनिता राठौर, नीतू, आकांशा, मोहिनी मौर्य, रोली सिंह, निशा, शिवानी, नैंसी आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहीं|

आज वूमेन चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी पंजी0 की प्रदेश अध्यक्ष ऋतु शाक्य के नेतृत्व में संगठन के कार्यकर्ताओं ने बरेली के गांधी उद्धान में विश्व महिला दिवस को धूमधाम से मनाया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ऋतु शाक्य ने कहा कि विश्व महिला दिवस जोकि विश्व की महिलाओं की शक्ति को परिभाषित करता है । जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली महिलाओं ने समाज में राजनीति में, साहित्य में, पुलिस फोर्स में, खेलों में, युद्ध क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में,अथवा किसी भी क्षेत्र में बड़े स्तर पर कार्य किया है ।

इस अवसर पर उन महान हस्तियों को याद किया जाता है जिन्होंने नारी शक्ति को एक मुकाम दिलाने में अहम भूमिका निभाई है ।

8 मार्च को ही विश्व महिला दिवस (इंटरनेशनल वूमेंस डे) क्यों मनाया जाता है।

इस दिन संपूर्ण विश्व की महिलाएं देश जात-पात भाषा राजनीति सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर इस दिन को मनाती हैं ।

संगठन की मण्डल अध्यक्ष शशिप्रभा ने कहा कि
जहां भारत में पहले महिलाएं अपने हक में कम ही बोलती थी । वही 21वीं सदी की स्त्री ने स्वयं की शक्ति को पहचान लिया है और काफी हद तक अपने अधिकारों के लिए लड़ना भी सीख लिया है । आज महिलाओं ने साबित कर दिया है कि वह हर क्षेत्र में अपना नाम बनाने में हर प्रकार से सक्षम है ।

8 मार्च विश्व महिला दिवस के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है कि क्लारा जेटकिन ने महिला दिवस मनाने के लिए कोई तारीख पक्की नहीं की थी । साल 1917 में युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस (यानी खाना और शांति) की मांग की । महिलाओं की हड़ताल ने वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया था । उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर का प्रयोग होता था । जिस दिन महिलाओं ने हड़ताल शुरू की थी ‌। वह तारीख 23 फरवरी थी ।

संगठन की जिलाउपाध्यक्ष मोहिनी वर्मा ने कहा कि
भारत में लंबे समय से 8 मार्च की जगह 10 मार्च को भारतीय महिला दिवस मनाया जाता है । इसके पीछे खास वजह है कि इस दिन 19वीं सदी में स्त्रियों के अधिकारों अशिक्षा छुआछूत सती प्रथा बाल या विधवा विवाह जैसी कुरीतियों पर आवाज उठाने वाली देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले का स्मृति दिवस होता है ।

संगठन की जिलासचिव मेघा वर्मा ने कहा कि
आज विश्व में महिलाओं ने अपनी शक्ति को भली-भांति पहचान कर हर क्षेत्र में अपना अलग मुकाम बनाने में सफलता हासिल की है । सोनिया गांधी जोकि भारतीय कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी की सर्वे सर्वा रही हैं । उनकी शक्ति से पूरा देश भली भांति परिचित है और अरुंधति राय जोकि एक प्रसिद्ध साहित्यकार और प्रसिद्ध व्यक्तित्व की पहचान मानी जाती है ।

संगठन की महानगर अध्यक्ष शन्नो वर्मा ने भी प्रकाश डालते हुए कहा कि सुनीता विलियम्स जिन्होंने खगोल विज्ञान के क्षेत्र में बड़ा नाम कमाया है । और काफी समय अंतरिक्ष में भी रहने का अनुभव है प्राप्त है । किरण बेदी देश की सबसे पहली आईपीएस महिला जिन्होंने प्रशासनिक क्षमता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । चंद्रा कोचर कारपोरेट जगत की एक महत्वपूर्ण हस्ती जिन्होंने कारपोरेट एवं बैंकिंग प्रणाली में अभूतपूर्व भूमिका निभाने में अपनी उपस्थिति दर्ज की । मैरी कॉम जिन्होंने देश को अपने मुक्केबाजी के रण कौशल में अनेकों गोल्डन पुरस्कारों से नवाजा ।

महानगर उपाध्यक्ष सुरभि सोनी ने कहा कि
एकता कपूर मशहूर फिल्म डायरेक्टर एवं मशहूर फिल्म अभिनेता जितेंद्र की बेटी जिन्होंने अपने कार्य कौशल के बल पर बड़ा मुकाम हासिल किया । इसी के साथ सुनीता नारायणन मेधा पाटकर एवं माधुरी दीक्षित जैसी महत्वपूर्ण हस्तियों ने स्त्री शक्ति को आगे बढ़ने के लिए नए-नए मार्ग उपलब्ध कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । विश्व महिला दिवस के मौके पर आज हमें मलाला यूसुफजई जैसी महत्वपूर्ण हस्तियों को भी याद करना होगा । जिस छोटी बच्ची को शिक्षा की रोशनी जगाने के जुर्म में अफगानिस्तान के कट्टरपंथी संगठनों द्वारा मरणासन्न कर दिया गया । लेकिन उनके हौसले और बुलंद जज्बे ने वहां की महिलाओं में एक रौशनी पैदा की । वहां की सरकार द्वारा उनके जज्बे को सलाम करते हुए महिलाओं को बहुत से अधिकार दिए गए ।उनकी इसी विशेषता के कारण उन्हें विश्व शांति नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया ।

संगठन की वार्ड अध्यक्ष संगीता वर्मा ने कहा कि
आज सबसे बड़ी चुनौती इसी बात की है कि आज भी हमारे समाज में महिलाओं को निम्न द्रष्टि से देखना आम बात हो चुकी है । जहां श्रीमती सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री रहते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय को एक नई दिशा प्रदान की ।

तो वहीं श्रीमती निर्मला सीतारमण ने रक्षा मंत्री जैसा महत्वपूर्ण पद भार संभाला ।आज देश की वित्त मंत्री पद को सुशोभित कर रही है । सबसे बड़ी खुशी इस बात की है हमारे उत्तर प्रदेश की प्रथम महिला ( राज्यपाल)श्रीमती आनंदी पटेल जी हैं ।

वार्ड अध्यक्ष गीता सिंह,कीर्ति शर्मा,गुँजन,प्रिया सिंह ने कहा कि आज बेटियों के प्रति हमें विचार करना होगा कि हम बेटे बेटी में फर्क न करके उन्हें आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायें ।

नारी शक्ति का आगाज हुआ आसमान भी विभोर हुआ ।
देख रहा है नारी शक्ति के अंदाज को जिसमें बेटियों का शोर हुआ ।।

कार्यक्रम में बबली गौतमी, नेहा सागर, शिवी शर्मा, बबली मौर्य, कपिल, संघमित्रा, सृष्टि सिंह, अनिता राठौर, नीतू, आकांशा, मोहिनी मौर्य, रोली सिंह, निशा, शिवानी, नैंसी आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहीं|