बदायूँ।दो दिवसीय मशरूम महोत्सव के दूसरे एवं अंतिम दिन लगातार किसानों को मशरूम उत्पादन एवं फायदों के संबंध में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को विस्तार से जानकारी दी गई। मशरूम की खेती करके किसान अपनी कई गुना आय में वृद्धि लाएं। किसान ज्यादा से ज्यादा मशरूम की खेती करके जनपद, प्रदेश एवं देश का नाम मशरूम उत्पादन में शीर्ष स्थान पर लाएं।
रविवार को कृष्ण लॉन में मशरूम महोत्सव के दूसरे एवं अंतिम दिन जिलाधिकारी कुमार प्रशांत, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नरेंद्र बहादुर सिंह, उप निदेशक कृषि डॉ0 रामवीर कटारा, पीडी डीआरडीए अनिल कुमार, जिला विकास अधिकारी चंद्रशेखर, जिला उद्यान अधिकारी डॉ0 सुनील कुमार एवं जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ कार्यक्रम शुभारम्भ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। डीएम ने कहा कि कृषि में सिर्फ खेती ही नहीं पशु, रेशम, मत्स्य, बकरी, सूअर, मधुमक्खी एवं कुटकुट आदि का पालन आता है जिससे आय बढ़ाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि जनपद में ही किसान स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट, मशरूम आदि कि परंपरागत खेती से हटकर कार्य कर रहे हैं।
डीएम ने कहा कि किसानों को शासकीय योजनाओं की जानकारी के लिए मशरुम महोत्सव में किसान गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कोई भी कार्य प्रारंभ में तो रिस्क ही लेना पड़ता है ऐसे ही पुरानी खेती की विधा से हटकर नई विधा की खेती किसान अवश्य अपनाएं। किसानों को नई विधा की खेती करने में हार नहीं मानना चाहिए। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न लाभकारी योजनाओं का जिला प्रशासन की ओर से नियमानुसार पूरा लाभ मिलेगा। उन्होंने किसानों से कहा कि मसरूम महोत्सव में जो भी जानकारियां उन्हें प्रदान की जा रही वह अपने गांव में जाकर अन्य किसानों को भी बताएं। किसान ज्यादा से ज्यादा लोगों को इन योजनाओं से जोड़ने का भी कार्य करें। उन्होंने कहा विश्वास है कि दो दिवसीय मशरूम महोत्सव में ज्यादा से ज्यादा किसान जागरूक होंगे और मशरूम की खेती करना प्रारंभ करेंगे।
किसान कम जगह में घर के पीछे तथा आंगन में भी मशरूम को उगा सकते हैं। मशरूम स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। मशरूम स्वास्थ्य दृष्टिगत से बहुत फायदेमंद होता है इसमें फाइबर, मैग्नीशियम, प्रोटीन बहुत ही अधिक मात्रा में होती है। मशरूम खाने से फायदे ही फायदे हैं। उन्होंने कहा कि मशरूम में वैसे ही फायदा है यदि किसान सुखाकर और पाउडर बनाकर बेचेंगे तो और अधिक लाभ होगा। उन्होंने कहा कि मशरूम महोत्सव में जो किसान आए हैं वह स्टालों का अवलोकन करें और कुछ नया सीखकर ही जाएं। किसान अपनी खेती में नया करने की कोशिश करें जिससे उनकी आए दुगनी हो। किसानों का जीवन यापन का स्तर ऊंचा हो सके। किसान मशरूम की अच्छे ढंग से खेती करके जिला, प्रदेश एवं देश को आगे बढ़ाएं।