उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाजपा कार्यकर्ताओं को थाने आने जाने से दलाली का संज्ञान लेते हुए उन्होंने मात्र मंडल अध्यक्ष एवं जिला अध्यक्ष को कोतवाली परिसर में जाने की अनुमति दी थी लेकिन कोतवाली सहसवान के शाहबाजपुर चौकी पर दलालों का जमावड़ा रहता है। जो समाजवादी के कट्टर हैं। क्या उनको परमिशन उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने दे रखी है। जो दलाल शाहबाजपुर चौकी पर बैठता है। उसकी शह पर सट्टा गांजा जगह जगह जुआरीयो का जमघट लगा रहता है । इससे प्रतीत होता है कि यहां पर योगी आदित्यनाथ का कोई भी खौफ नहीं है। यह दलाल मनमाफिक तरीके से जुआ सट्टा आदि कराता है। और पीड़ितों से पुलिस से आर्थिक समझौता कराने में सक्षम रहते हुए कार्य करता है। इसी तरह शाहबाजपुर चौकी पर तैनात सिपाही राहुल जो लगभग 3 वर्षों से दलाल के साथ साथ अपनी चीता मोबाइल पर बैठा कर रुपए उगाई करता है । इसी प्रकरण में पूर्व में रहे प्रभारी निरीक्षक पंकज लवानिया ने शाहबाजपुर चौकी के अंतर्गत आनंदी आलमपुर एवं शाहबाजपुर से पकड़ी गई मोटरसाइकिल चोरों से शाहबाजपुर चौकी पर ही रुपए लेकर छोड़ दिया गया था जिसका संज्ञान पूर्व में रहे प्रभारी निरीक्षक पंकज लवानिया ने लिया था उन्होंने इस पुलिसकर्मी राहुल को तत्काल ऐतिहासिक स्थल सरसोता पर तैनात कर दिया था लेकिन उनकी चरण वंदना कर उसे दोबारा शाहबाजपुर चौकी पर तैनात कर दिया था सवाल उठता है। जब योगी सरकार अपने भाजपा कार्यकर्ताओं को थाने एवं चौकियों पर आने जाने पर प्रतिबंध लगा रही है । तो यह लोग जो पुलिस के पास बैठकर अपनी तानाशाही एवं दबंगई दिखाते हैं । वह क्या सही है। अब सवाल यह भी उठता है । की सहसवान शाहबाजपुर चौकी पर जो कारनामे हो रहे हैं ।क्या वह ठीक है। नहीं उत्तर प्रदेश के मुखिया इन सभी लोगों पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रयासरत है । लेकिन पुलिसिया प्रणाली पूरी तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों के लिए चुनौती बनी हुई है।
रिपोर्टर – सौरभ गुप्ता