हजारों की संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने नम आंखों से दी विदाई।

पुलिस की मौजूदगी में हुआ अंतिम संस्कार, भारी संख्या में गांव में पुलिस बल तैनात।

बदायूं। एसएसपी कार्यालय के सामने बुधवार को दोहपर के समय किसान ने पुलिस से प्रताड़ित होकर आत्मदाह करने का प्रयास किया था। जिसमें वह गंभीर रूप से झुलस गया था। गुरुवार की सुबह बरेली के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान किसान की मौत हो गई। बरेली में उसके शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद गुरुवार को पुलिस सुरक्षा में एसपी सिटी के नेतृत्व में शव गांव पहुंचा। क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई , भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हजारों की संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने नम आंखों से विदाई बाद में पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कराया गया।

मृतक कृष्णपाल के पुत्र की तरफ से लिखाए गए मुकदमें में शामिल आठ आरोपियों में से सात को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा।

“बरेली रेंज के आईजी रमित शर्मा ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया।”

मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र की मंडी पुलिस चौकी का है जहां चौकी के अंतर्गत आने वाले ग्राम रसूलपुर बिलहरी के किसान कृष्ण पाल सिंह राठौर 42 पुत्र मंगली सिंह ने बुधवार को जलनशील पदार्थ छिड़क कर एसएसपी कार्यालय के सामने आग लगा कर आत्मदाह का प्रयास किया था आग में ज्यादा झुलसने के कारण उसे बरेली हायर सेंटर रेफर किया था जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
मामला दबंगो द्वारा गेहूं के खेत में आग लगाने का है।पीड़ित किसान पुलिस के चक्कर लगा रहा था। लेकिन उसे न्याय नहीं मिला किसान के पुत्र अमरजीत ने आरोप लगाया था कि पुलिस उसकी मदद करने की बजाए परेशान कर रही है और उसकी सुनवाई नहीं हो रही है।
पुलिस कार्यालय के सामने किसान के आग लगा लेने की घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था। मामले को गंभीरता से लेते हुए बरेली रेंज के आईजी रमित शर्मा ने एसआईटी का गठन कर गहन जांच के निर्देश दिए हैं। एसपी सिटी(आईपीएस) रविंद्र कुमार के नेतृत्व में 4 सदस्य एसआईटी टीम का गठन किया गया है मृतक किसान के पुत्र की तरफ से लिखाए गए मुकदमे में शामिल सात लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

मृतक के बेटे अमरजीत ने आपबीती सुनाई –

मृतक कृष्णपाल के बेटे ने बताई दारोगा की करतूत पीड़ित शख्स के बेटे अमरजीत ने बुधवार को बताया था कि थाना सिविल लाइंस क्षेत्र के रसूलपुर गांव में उसके खेत में पड़ोस के कुछ लोगों ने आग लगा दी थी। पिता मृतक कृष्णपाल ने थाने में तहरीर दी थी, जिसकी जांच दारोगा कर रहा था। लेकिन, दारोगा पीड़ित को ही प्रताड़ित कर रहा था। अमरजीत ने कहा कि दारोगा ने उसके परिवार वालों के साथ मारपीट की और झूठी विवेचना कर रहे थे। उसकी कोई सुनवाई नहीं कर रहे थे। जिस बात को लेकर मेरे पिता काफी परेशान थे जिसकी वजह से एसएसपी कार्यालय के सामने आग लगा ली।

रिपोर्टर – भगवान दास