जीवन वृत्त शिला पट् एवं मार्ग के पत्थर की स्थापना सहित गोष्ठी में वक्ताओं ने दी श्रद्धांजलि, सहयोगी सदस्यों का हुआ सम्मान।

बदायूं। जनपद के गौरव राष्ट्रीय गीतकार डॉ. उर्मिलेश की 17वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आज विविध आयोजनों में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बदायूं क्लब में हुये विराट आयोजन में नगर विधायक एवं पूर्व राज्यमंत्री महेश चन्द्र गुप्ता, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. ओ. पी. सिंह, जिलाध्यक्ष भा. ज. पा. राजीव कुमार गुप्ता द्वारा डॉ. उर्मिलेश की स्मृति में जहां उनकी धर्मपत्नी मंजुल शंखधार द्वारा डॉ. उर्मिलेश द्वार पर लगवाये डॉ. उर्मिलेष जीवन वृत्त शिपापट् का अनावरण हुआ वहीं क्लब पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा डॉ. उर्मिलेष द्वार पर जनसामान्य हेतु स्थापित किये गये शीतल जल प्याऊ का भी भव्य उद्घाटन हुआ।

इसके साथ साथ पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री, उ. प्र. द्वारा वर्श 2006 में उद्घाटित किये गये भामाशाह चौक से परशुराम चौक तक निर्मित राष्ट्रीय गीतकार डॉ. उर्मिलेश मार्ग के नवीन षिलापट का लोकार्पण भी हुआ। अतिथियों द्वारा मां सरस्वती एवं डॉ. उर्मिलेश के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर एवं पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

इस अवसर पर सभी अतिथियों एवं शुभचिन्तकों ने क्लब में लगी डॉ. उर्मिलेश की प्रतिमा पर पुश्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। खुशी दयाल ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। इस अवसर कार्यक्रम में सभी अतिथियों का क्लब पदाधिकारियों द्वारा सम्मान किया गया।

कार्यक्रम में शीतल जल प्याऊ की स्थापना में सहयोग करने वाले सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर नगर विधायक श्री महेश चन्द्र गुप्ता ने कहा, महाकवि डॉ. उर्मिलेश अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व से युगों युगों तक जनजन के मन मस्तिष्क में जीवित रहेंगे, उनके द्वारा किये गये कार्य एवं अतुलनीय थे आज भी वे हमें अपने आदर्शों से कार्य करने करने की प्रेरणा देते है, उनकी स्मृति जो ये कार्य किये जा रहे हैं उसके लिए उनके पुत्र डॉ. अक्षत अशेष एवं सभी शुभचिन्तक बधाई के पात्र है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. ओ. पी. सिंह ने श्रद्धांजलि देते हुये कहा, डॉ. उर्मिलेश अपनी ओजपूर्ण कविताओं एवं व्यक्तित्व के कारण पूरे देश में जाने गये, उनके कारण ही आज बदायूं का नाम जाना जाता है, वे सच्चे कवि एवं जनसेवक थे।

भा.ज. पा जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता ने कहा, श्रद्धेय उर्मिलेश जी प्रेरणा स्त्रोत के रुप में हमें सदैव पथ प्रषस्त करते रहेंगे, उनका नाम अमर है, उनके नाम का आज भी सम्मान जनक रुप से बनाये रखने में उनके परिजन एवं शुभचिन्तक बधाई के पात्र हैं। इस अवसर साहित्यकार डॉ. रामबहादुर व्यथित ने डॉ. उर्मिलेश के व्यक्तित्व पर व्यापक प्रकाश डाला। नन्हीं बच्ची वैभवी ने उनकी एक रचना प्रस्तुत की।

कार्यक्रम के अन्त डॉ. उर्मिलेश के पुत्र एवं सचिव डॉ. अक्षत अशेष ने सभी का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि जो मार्ग उनके पिता डॉ. उर्मिलेश ने दिखाया है उस पर चल सदैव सामाजिक दायित्वों को पूर्ण करने का प्रयास रहेगा। कार्यक्रम में प्रभारी सी डी ओ अनिल कुमार, उसहैत चेयरपरसन सैनरा वैश्य, मंजुल शंखधार, डॉ. चक्रेश जैन, नरेंद्र दुआ, सुशील धींगरा, डॉ अरिहंत जैन, विनीत शर्मा, परविन्दर सिंह दुआ, डॉ. सौरभ शंखधार, विनीत शर्मा, डॉ. सोनरुपा विशाल, रिचा अशेष, विशाल रस्तोगी, डॉ. दीप्ती जोशी, सुमित गुप्ता, विपिन शर्मा, सुशील शर्मा,प्रमोद शर्मा,गोविन्द शर्मा, आशु उपाध्याय, देवेष शर्मा, प्रभाकर शर्मा,सुशील शर्मा,विवेक उपाध्याय,विभु पाठक, राहुल चौबे, उपस्थित रहे।
शीतल जल प्याऊ स्थापना में निम्न पदाधिकारियों एवं सदस्यों का सहयोग रहा – डा. एस. के. गुप्ता, डॉ. अक्षत अशेष, अनूप रस्तोगी, दीपक सक्सेना, रविन्द्र मोहन सक्सेना मनीश सिंघल कुलदीप रस्तोगी, संजय रस्तोगी, राजीव रायजादा, रमाकांत तिवारी,विकास आहूजा, नरेष चन्द्र शंखधार, रुपिन्दर सिंह लाम्बा, राजेश धींगड़ा, सुशांत रस्तोगी, नवनीत प्रताप सिंह, नेहा सुशांत रस्तोगी, गगनजीत वोहरा।