वेतन ना मिलने और काम से हटाने पर विद्युत विभाग के उच्च अधिकारियों और मजिस्ट्रेट नगर से की शिकायत।
उझानी। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड बदायूँ की विद्युत वितरण खंड चतुर्थ उझानी में सुपरवाइजर संतोष राणा ने 5000/- रिश्वत ना देने पर मीटर रीडर के पद पर काम कर रहे लड़कों को हटाने की धमकी दी और उसमें से कुछ लड़कों को मीटर रीडर के काम से हटा दिया। अंकित कुमार, हर्षित शाक्य, सूरज सक्सेना, संजीव कुमार, शैलेंद्र राजपूत इन लड़कों से सुपरवाइजर संतोष राणा ने पैसों की डिमांड की थी। जिससे इन लड़कों ने पैसे देने की मना कर दी जिसको लेकर इन लड़कों को काम से हटा दिया गया।
आपको बता दें कि यह लड़के 2018 से उझानी विद्युत वितरण खंड चतुर्थ पर मीटर रीडर के पद पर कार्य कर रहे थे जिनको 2022 तक काम करना था कंपनी चेंज होने के बाद जब नई कंपनी ने मीटर रीडर का टेंडर लिया तो उसने पुराने लड़कों से 5000/- डीडी के नाम पर मांगे जिसमें इन लड़कों ने 5000/- कंपनी के नाम पर डीडी बना कर दे दी ड्राफ्ट चेक कंपनी को देने के बाद ना तो इन युवकों को कंपनी की तरफ से कोई आईडी कार्ड दिया गया और ना ही अनुबंधित कंपनी की तरफ से वेतन दिया गया।
जब इसकी जानकारी उन्होंने अनुबंधित कंपनी के मीटर रीडर के सुपरवाइजर संतोष राणा से बात की संतोष राणा ने लड़कों से 5000/- रिश्वत के तौर पर मांगे जिसमें 5 लोगों ने रिश्वत देने से मना कर दिया और बाकी के बचे हुए पुराने मीटर रीडरो ने संतोष राणा को 5000/- दे दिए अंकित राणा हर्षित शाक्य सूरज सक्सेना संजीव कुमार शैलेश राजपूत ने पैसे नहीं दिए जिससे संतोष राणा ने लड़कों को काम से हटा दिया।
मीटर रीडर पद पर कार्य करने वाले कर्मियों ने इसकी शिकायत विद्युत विभाग बदायूं के अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता और नगर मजिस्ट्रेट से की यह पांचो मीटर रीडर लगभग 6 महीने से बेरोजगार बैठे हुए हैं। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्य नाथ जी सभी बेरोजगारों युवकों को रोजगार देने की बात कर रहे हैं मगर यहां पर उनका ही सरकारी विद्युत विभाग इन गरीब लोगों का रोजगार छिन रहा है देखना अब यह है कि इसमें सरकार और प्रशासन इन लोगों की क्या मदद करता है।
रिपोर्टर – सौरभ गुप्ता