बदायूं। सनसनीखेज गुप्ता दंपति हत्याकांड के आरोपी योगेश के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में धारा 120 बी और 411 को सीबीआई ने शामिल किया है। सीबीआई के मुताबिक, इस कांड की विवेचना अभी भी जारी रहेगी, लेकिन फौरी तौर पर यह प्रक्रिया अमल में लाई गई है।
साल 2007 में बरेली में कथित एनकाउंटर में मारे गए मुकुल गुप्ता के पिता विजेंद्र गुप्ता और मां शन्नो देवी की भी हत्या कर दी गई थी। सदर कोतवाली में इस दोहरे हत्याकांड का मुकदमा लिखा गया, लेकिन पुलिस समेत यूपी STF इस कांड को अंजाम देने वाले को नहीं तलाश सकी। दोनों एजेंसियों को फेल साबित होते देख तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पैरवी पर साल 2016 में यह विवेचना सीबीआई को ट्रांसफर की गई।
हर मुहाने पर हताश होती रही सीबीआई टीम ने कई पहलुओं पर तफ्तीश आगे बढ़ाई, लेकिन हर बिंदु पर विफल होती रही। पुलिस ने दंपति के छोटे बेटे हेमंत का नार्को टेस्ट कराया था, लेकिन वह इस टेस्ट में हत्याकांड से जुड़े किसी रहस्य का जवाब नहीं दे सका। इसके बाद संपत्ति की वैल्यूएशन भी पीडब्ल्यूडी के जरिए निकलवाई गई। साथ ही दंपति का गोपनीय लॉकर तलाश कर भी तोड़ा गया, लेकिन हर पहलू पर सीबीआई को केवल हताशा हाथ लगी।
ऐसे मिली सफलता –
पुलिस को घटनास्थल पर दंपति के अलावा एक अलग व्यक्ति के खून की बूंदें मिली थीं। सीबीआई ने इसी को जांच का आधार बनाया और परिवार के लोगों समेत मोहल्ले के लोगों का ब्लड सैंपल लेना शुरू कर दिया। सीबीआई ने तकरीबन 90 से अधिक सैंपल प्रिजर्व किए और उन्हें फॉरेंसिक टेस्ट के लिए भेजा। इस दौरान वहां रहने वाले उदय प्रकाश का ब्लड सैंपल घटनास्थल पर मिले ब्लड से मिलान खा गया।
उदय ने कर ली आत्महत्या इधर, सीबीआई टीम यहां पहुंची तो पता लगा कि उदय ने आत्महत्या कर ली है। सीबीआई ने वहां छापेमारी करके उदय के कमरे से खून से रंगे कुछ कपड़ों समेत छुरा बरामद कर लिया। जबकि बाद में पता लगा कि उसके भाई योगेश को भी इस मामले की जानकारी थी। इस आधार पर सीबीआई ने योगेश को गिरफ्तार किया तो वह राज कबूल गया।
ये बोला था योगेश –
योगेश ने सीबीआई को बताया, घटना वाली रात उदय खून से रंगे कपड़े पहनकर घर में घुसा था और उसके पास बहुतायत में सोने के जेवरात और कैश था। उसने भाई के नाते पूरा प्रकरण बताया और चैन की जिंदगी साथ जीने को कहा तो योगेश भी मान गया।
ऑनलाइन खर्चे बने सबूत
सीबीआई ने दोनों के बैंक खाते खंगाले तो पता लगा कि हत्याकांड के बाद दोनों भाइयों ने ऑनलाइन खर्चे जमकर किए। उनका बैंक बैलेंस भी मोटा था। ऐसे में सीबीआई को दिशा मिली और इसी आधार पर चार्जशीट दाखिल की गई है।
ये था पूरा मामला।
सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कटरा ब्राह्मपुर में रहने वाले रिटायर्ड इंजीनियर विजेंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी शन्नों का शव 8 अप्रैल 2015 को घर में सड़ी हुई हालत में मिला था। शुरुआत में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया, जबकि बाद में विवेचना सीबीआई को ट्रांसफर कर दी गई। कई पहलुओं पर जांच के बाद सीबीआई ने गिरफ्तारी की।
रिपोर्टर – भगवान दास