बदायूँ। जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत सहित अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में गुरुवार को विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान बीडीओ को निर्देश दिए कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए वकायेदारों की सूची तैयार करें, कोई भी वकाएदार किसी भी दशा में चुनाव न लड़ने पाए।
डीएम ने निर्देश दिए है कि जिन ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन का निर्माण किन्हीं कारणवश नहीं हो सका है, समस्याओं को दूर कर प्राथमिकता के तौर पर पंचायत भवन का निर्माण किया जाए। जिन ग्रामों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण पूर्ण हो चुका है तो उन्हें जल्द से जल्द हस्तांतरित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन लोगों को शौचालय बनाने के लिए धनराशि दी गई है और उन्होंने अभी तक शौचालय नहीं बनवाया है या वह शौचालय का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, ग्राम सचिव ऐसे लोगों को नोटिस देकर धनराशि की वसूली की कार्रवाई करें। प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत जो आवास बनवाए गए हैं उनमें भी यह सुनिश्चित किया जाए कि शौचालय का प्रयोग हो रहा है या नहीं। प्रत्येक ब्लॉक में मनरेगा सेे पार्क बनाने का कार्य तेज गति से कराए जाए, पार्क में झूले, बैठने के लिए बेंच, साफ सफाई, पौधारोपण एवं प्रकाश व्यवस्था चाक-चैबंद रहे। जिन गांव में खेलने के लिए जगह है वहां खेल मैदान बनवाए जाए। कायाकल्प योजना के अंतर्गत 14 बिंदुओं पर विद्यालयों में कराए जा रहे कार्यों में बाउंड्री वॉल का भी निर्माण अवश्य कराया जाए। चारागाह में गोवंशों के लिए चारा बुवाया जाए एवं घुमंतू पशुओं की गणना कराएं। डीएम ने डीडीओ एवं वीडियो को निर्देश दिए कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह को रोजगार करने के लिए जो धनराशि दी गई है, निरीक्षण किया जाए कि उस धनराशि से उन्होंने क्या रोजगार शुरु किया है। अतिरिक्त सरस शोरूम खोले जाएं, जिनमें स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए गए उत्पाद एवं गौ फिनायल की बिक्री की जाए। डीएम ने बीडीओ को निर्देश दिए कि ग्रामीण पेयजल योजना अंतर्गत घरों में कराए जा रहे वाटर कनेक्शन और सप्लाई के कार्य का स्वयं जाकर निरीक्षण करें। जो लोग पानी की टोटी को खुला छोड़ देते हैं और पानी अनावश्यक बर्बाद होता है। ऐसे लोगों के प्रति कारवाई की जाए। जल निगम कार्यालय में पानी की जांच की प्रयोगशाला प्रारंभ हो चुकी है यदि बीडीओ को कहीं पेयजल की स्थिति खराब दिखे तो प्रयोगशाला में इसकी जांच कराई जाए।