मैं खूब जानता हूँ सच है तेरी खबर में।हर शख्श बा-कमाल है संतों के इस नगर में।
बदायूँ l नगर पालिका परिषद बदायूँ के अंतर्गत आयोजित दीवाली महोत्सव एवं मेले में बदायूँ गौरव क्लब एवं बदायूँ गौरव महोत्सव समिति के तत्वाधान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं गजल संध्या का उदघाटन मुख्य अथिति सांसद डॉ संघमित्रा मौर्या, भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता,नगरपालिका बदायूँ चेयरमैन दीपमाला गोयल,जिला महामंत्री भाजपा शारदाकांत पंडित,विशिष्ट अथिति भागवताचार्य पं मुमुक्षु कृष्ण शास्त्री,बदायूँ गौरव क्लब के मुख्य सचिव एवं बदायूँ गौरव महोत्सव के मुख्य संयोजक अमन मयंक शर्मा एवं क्लब के संरक्षक अशोक सक्सेना ने माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर एवं माल्यार्पण कर किया।तत्पश्चात सांसद डॉ संघमित्रा मौर्य एवं भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता ने 501 दीप शहीदों के नाम मंच के निकट ही प्रज्वलित किये।मुख्य अथिति डॉ संघमित्रा मौर्य ने कहा कि दीवाली महोत्सव एवं मेले का नगरपालिका बदायूँ की चेयरमैन दीपमाला गोयल एवं बदायूँ गौरव क्लब के मुख्य सचिव एवं बदायूँ गौरव महोत्सव के मुख्य संयोजक अमन मयंक शर्मा एवं उनकी टीम ने भव्य आयोजन किया है।उन्होंने कहा कि दीवाली महोत्सव द्वारा जनपद की प्रतिभाओं को मंच देकर उनके हुनर को तराशने का कार्य किया गया है।भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि बदायूँ गौरव क्लब द्वारा निरन्तर सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं जिनसे जनपद की प्रतिभाओं का विकास हो रहा है।उन्होंने कहा कि अंत्योदय के लक्ष्य के साथ दीवाली मेले एवं महोत्सव का आयोजन किया गया है।कवि सम्मेलन का शुभारम्भ कवयित्री सरिता चौहान ने माँ सरस्वती की वंदना गान कर किया।
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं गजल संध्या की अध्यक्षता करते हुए कवि कामेश पाठक ने अपने काव्य पाठ से हजारों श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।उन्होंने पड़ा-‘चालबाज की कुटिल चाल का ,लेना संज्ञान जरुरी है।
असली – नकली चेहरों की करना पहचान जरुरी है।’
बरेली से आये प्रसिद्द कवि राजेश कुमार शर्मा ने श्रृंगार रस से श्रोताओं को प्रफ्फुलित कर दिया,पड़ा-‘हम कंवारो का दिल भी है नाजुक बहुत
जब भी चाहा किसी पर मचल जाएगा’
मशहूर शायर खालिद नदीम बदायूँनी ने अपनी शायरी से श्रोताओं के रोंगटे खड़े कर दिये, पड़ा-‘बुलन्दी पर पहुँचता क्या परिन्दा.
हवा ने छीन ली क़ुव्वत परों की.”
वरिष्ठ शायर अहमद अमज़दी ने अपनी गजलों से हजारों श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।पड़ा-‘आदमी इंसानियत का जब निशां बन जाएगा।
खुशबुओं से फिर मुअत्तर ये जहाँ बन जाएगा।’
वरिष्ठ कवि विनोद कुमार सक्सेना बिन्नी बाबू ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं में जोश भर दिया उन्होंने पड़ा-‘यह ऑंगन बांटकर दीवार चाहे खींच लो ऊंची
पुराने रिश्तों का तो कोई रोशनदान रहने दो।
संचालन कर रहे भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक एवं कवि पवन शंखधार ने अपने काव्य पाठ से हजारों श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया उन्होंने पड़ा-‘विचरण भले कहीं भी कर लो।अपना घर अपना होता है।’
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं गजल संध्या के संयोजक, बदायूँ गौरव क्लब के मुख्य सचिव तथा बदायूँ गौरव महोत्सव के मुख्य संयोजक राष्ट्रीय कवि अमन मयंक शर्मा ने अपने गीत और शायरी से हजारों श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया उन्होंने पड़ा-‘मैं खूब जानता हूँ सच है तेरी खबर में।हर शख्श बा-कमाल है संतों के इस नगर में।
उन्होंने गीत पड़ा-दीवाली आयी।दीवाली आयी।अंत्योदय घर घर तक पहुँचा।खुशहाली है छाई।दीवाली आयी।’
कवि विष्णु असावा ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं में भक्ति रस का भाव पैदा किया ,उन्होंने पड़ा-‘राम जी से बढ़कर राम जी का नाम सुना।
सभी फिर मिलकर राम राम बोलिये।
बरेली से आये कवि आनंद पाठक ने अपनी गजलों से समां बांध दिया,उन्होंने पड़ा-‘ जब पालते हों आप ही ख़ुद आस्तीं में साँप
इल्ज़ाम दूसरों पे लगाना फ़िज़ूल है।’
परोली से आये कवि आकाश पाठक ने अपने काव्य पाठ में पड़ा-‘बुरे हम नही बुरे आप हैं।हमारे इरादे भी बिल्कुल साफ हैं।’
कवि शैलेन्द्र देव मिश्रा ने पड़ा-‘आसमाँ धरती पे लाकर तो दिखा,
ज़िन्दगी रौशन बना कर तो दिखा।
कवि अचिन मासूम ने पड़ा-‘
यही बस सोच कर के मैं किसी दर पर नहीं जाता।
मेरा मंदिर मेरी मस्जिद और गिरजाघर है मेरी मां।।
इसके अलावा शायर असरार अहमद बदायूँनी,कवि जयवीर चंद्रवंशी,उस्ताद शायर सुरेंद्र नाज,कवि षटवदन शंखधार,कवि राकेश वर्मा,कवयित्री साक्षी तन्हा,कवि अखिलेश ठाकुर,कवि सत्यदेव श्रीवास्तव,कवि मुनीश प्रेम,कवि आचार्य प्रणब शास्त्री,कवि सुनील शर्मा,कवि अतुल शंखधार आदि ने भी काव्य पाठ किया।रात 1 बजे तक हजारों श्रोताओं ने कार्यक्रम का आनंद उठाया।कार्यक्रम का सफल संचालन राष्ट्रीय कवि पवन शंखधार ने किया।इस अवसर पर बदायूँ गौरव क्लब के संरक्षक अशोक सक्सेना,क्लब के सांस्कृतिक सचिव विवान यदुवंशी,सचिन सूर्यवंशी,वीरेंद्र जाटव,प्रशांत आर्य,इकबाल असलम,गौरव पाठक,दिनेश शर्मा,गीता शर्मा,अंजली मिश्रा,रितेश उपाध्याय,शिवस्वरूप गुप्ता,सुभाष भारद्वाज सहित हजारों श्रोतागण उपस्थित रहे।कार्यक्रम का ऐतिहासिक संचालन राष्ट्रीय कवि पवन शंखधार ने किया।