रिपोर्टर – शिवप्रताप सिंह
कादरचौक। ककोडे मेले की भूमि से जल स्तर घटने लगा है । मौके पर जब निरीक्षण किया गया तब ज्ञात हुआ कि जहाँ पानी भरा हुआ अब पानी हट चुका, काफी स्तर तक अब भूमि साफ नजर आ रही है , ककोडे मेले के लिये अधिकारियों ने निरिक्षण भी किया है स्थानी लोगों के अनुसार पहले जलस्तर बहुत बड़ा हुआ था अब पानी ने पैर पीछे कर किये है और जहाँ मेला लगता है लगभग जलस्तर वहाँ से निरंतर जल घट रहा है इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी दिनों में अगर प्रशासन चाहे तो व्यवस्था को सुद्रण बना कर ककोड़ें मेंले के आयोजन को दिया जा सकता है भव्य रूप
युवा मंच संगठन के संरक्षण संदीप राठौर ने ।कहा कि माँ गंगा का जलस्तर घटना शुभ सन्देश है ककोड़ें मेले के आयोजन हेतू जमीन से जगह जगह पानी हट चुका है और बड़े स्तर पर भूमि ख़ाली पड़ी हुई है जिसपर सड़क तम्बू शौचालय इत्यादि लग सकते है मेले के भव्य आयोजन के लिए बदायूँ प्रशासन उदासिन दिख रहा है ।
युवा मंच संगठन के अध्यक्ष ध्रुव देव गुप्ता ने कहा कि आस्था के प्रतीक ककोड़ें मेले की भावनाओं के साथ खिलवाड़ की जा रही है परमिशन होने के बाद और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से आदेश जारी होने के बाबजूद भी मेले लगने की व्यवस्थाओ को युद्ध स्तर पर नही किया जा रहा है पिछली बार ककोड़ें का बजट लगभग 20 लाख रुपये से ऊपर रहा था
परंतु इस बार ककोडे मेले का बजट घटा कर लगभग 13 लाख करदिया गया साथ मेले के आयोजन हेतू जो भी व्यस्थायें होनी है वे बहुत उदासीन रूप से की जा रही है बाढ़ का पानी उतर चुका है खेत खलियान जहां मेला लगता है वहाँ पानी कम होता चला जा रहा है संगठन के माध्यम से मांग रखी जाती की मेले का बजट बढ़ाया जाए और जल्द युद्ध स्तर पर व्यस्थायें पूर्ण कराई जावे , जलस्तर घट चुका है ।