बरेली, 18 अगस्त। ज़िलाधिकारी श्री नितीश कुमार ने आज जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में अर्बन मिशन के अंतर्गत कराए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया और कहा कि कार्यों की गुणवत्ता के मामले में कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कई सम्बंधित कर्मचारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर उनके वेतन से रिकवरी करने के भी निर्देश दिए। ज़िलाधिकारी ने आज बिथरी चैनपुर, फरीदापुर इनायतखां एवं आलमपुर गजरौला गांवों में निरीक्षण किया। ग्राम फरीदापुर इनायतखां में मंडी विभाग ने रुअर्बन मार्ट / मंडी का निर्माण कराया है जिसमें इंटरलॉकिंग कई जगह बैठ गई थी, जिसकी ईंट निकाल कर ज़िलाधिकारी ने स्वयं देखी और पाया कि निर्माण मानक अनुसार नहीं किया गया है। उन्होंने सम्बंधित जेई मंडी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने और उनके वेतन से रिकवरी करने के निर्देश दिए।
इसी गांव में बनाए गए पंचायत भवन की स्थिति देख कर ज़िलाधिकारी श्री नितीश कुमार बहुत नाराज हुए और पूर्व प्रधान श्री कमलेश पटेल, ग्राम पंचायत अधिकारी श्री विवेक गंगवार तथा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के जेई श्री एमके अग्रवाल के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर उनके वेतन से रिकवरी करने के आदेश दिए। ज़िलाधिकारी ने कहा कि इस पंचायत भवन के निर्माण पर जो 15 लाख का व्यय हुआ है उसकी भरपाई इन लोगों के वेतन से की जाए और उसे गिराकर इसका पुन: निर्माण कराया जाए। ज़िलाधिकारी आज जब वहां पहुंचे तो देखा कि पंचायत भवन के खंभे उसकी डीपीसी सहित नीचे बैठ गए थे और पीछे की दीवार भी टूट गई थी। ज़िलाधिकारी ने वहां के सफाई कर्मी के कार्यो पर भी असंतोष व्यक्त करते हुए उसकी एक वेतन वृद्धि रोकने तथा प्रतिकूल प्रविष्टि देने के भी निर्देश दिए। इसी गांव में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा 800 मीटर लंबी इंटरलॉकिंग/ केसी ड्रेन के घटिया निर्माण पर ज़िलाधिकारी ने सम्बंधित जेई के वेतन से पाँच प्रतिशत, एई के वेतन से तीन प्रतिशत तथा अधिशासी अभियंता के वेतन से दो प्रतिशत कटौती कर रिकवरी करने के निर्देश दिए। ज़िलाधिकारी को गांव में जल निगम द्वारा पेयजल का प्लांट भी बंद मिला। उन्होंने इसे एक सप्ताह में शुरु करने के निर्देश अधिशासी अभियंता को दिए।
ज़िलाधिकारी ने गांव में दो महिला स्वयं सहायता समूह के कार्यों को भी देखा। ज़िलाधिकारी श्री नितीश कुमार ने इसी क्रम में बिथरी चैनपुर का निरीक्षण किया और यहां भी ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा कराए जा रहे पेयजल के प्लांट के निर्माण में उन्हें निम्न स्तरीय ईंटे मिलीं। उन्होंने पूरे ब्रिक वर्क को तत्काल रोकने, सम्बंधित जेई के विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। आलमपुर गजरौला में ज़िलाधिकारी ने मत्स्य पालन विभाग से पोषित एक मछली पालन केंद्र का निरीक्षण किया और पेयजल प्लांट का भी निरीक्षण किया। वहां पर उन्हें लकड़ी के ढेर दिखे, ज़िलाधिकारी ने ग्राम प्रधान और सचिव को इस कारण कड़ी फटकार लगाई। इसी गांव में सिडको द्वारा तैयार की गई गौशाला का भी ज़िलाधिकारी ने निरीक्षण किया और उसकी गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर निर्देश दिए कि इसकी जांच कराकर सम्बंधित के वेतन से रिकवरी की जाए। उन्होंने वहां की सफ़ाई आदि की व्यवस्था पर भी खिन्नता व्यक्त की। ज़िलाधिकारी के साथ निरीक्षण में मुख्य विकास अधिकारी श्री चंद्र मोहन गर्ग के अलावा सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।