विश्व की सम्पूर्ण शक्ति मनुष्य के शरीर में है विराजमान: संजीव
-सर्वोत्तम स्वास्थ्य के लिए योग करें, प्रकृति के नियमों को मानें
-संस्कारशाला के बच्चों ने कोरोना महामारी में योग से बताया निरोग रहने का तरीका

(बदायूं): अखिल विश्व गायत्री परिवार के मार्गदर्शन में चल रहे प्रखर बाल संस्कारशाला के कैंप कार्यालय पर बच्चों ने कोरोना महामारी में जीवन संजीवनी के लिए योगासन, प्राणायाम किये। हरीतिमा संवर्द्धन के प्रति लोगों को जागरूक किया।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि विश्व की सम्पूर्ण शक्ति मनुष्य के शरीर में विराजमान है। प्राचीन काल में समग्र स्वास्थ्य के लिए ऋषियों ने योग युक्त जीवन पद्धति को अपनाया। योग में अपनी इच्छाएं, कामनाएं, विचार, शारीरिक चेष्टाएं, आहार-विहार, विश्राम और श्रम को सम्मिलित किया। श्री शर्मा ने कहा मनुष्य को स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए प्रकृति के नियम मानें और योग की सभी धाराओं को अनुशासित और व्यवस्थित करें।
मृत्युंजय शर्मा ने कहा कि प्रकृति के अनुरूप आचरण करने से जीवनीशक्ति और सर्वोत्तम स्वास्थ्य मिलता है। सौम्या शर्मा ने कहा कि योग और हरीतिमा संवर्द्धन से प्राण ऊर्जा का संचय करें।
बालिका नेहा शर्मा, कल्पना, दीप्ति, भूमि आदि ने सुखासन, बज्रासन, ताड़ासन, अर्द्धताड़ासन, उष्ट्रासन, भुजंगासन, उत्कटासन, अश्व संचालनासन, धुनरासन आदि आसन के अलावा लोम विलोम, भ्रामरी प्रणायाम आदि किए। बच्चों ने हरीतिमा संर्द्धन, घर पर रहने, मास्क लगाने, हाथ धोने और दो गज की दूरी बनाने के प्रति भी जागरूक किया। इस मौके पर रीना शर्मा, आरती शर्मा, हेमंत आदि मौजूद रहे।

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